धान की नक्काशी, बस्तर कला और सोलर पावर से सजी छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में आखिर ऐसा क्या खास है जो इसे भारत की सबसे अनोखी इमारत बना रहा है? PM मोदी करेंगे उद्घाटन, पर इस भव्य भवन की छत पर छिपा है एक सांस्कृतिक रहस्य!
रायपुर। क्या आपने कभी सोचा है कि कोई विधानसभा इमारत धान की नक्काशी से सजी हो, बस्तर कला से दमकती हो और सोलर एनर्जी से चलती हो? अगर नहीं, तो अब यह हकीकत बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार, 1 नवंबर को नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के 25 साल के सफर और उसकी संस्कृति, परंपरा और विकास की पहचान है।
आखिर छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा इतनी खास क्यों है?
करीब 324 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह भव्य इमारत 51 एकड़ में फैली है। इसे खास बनाने में पारंपरिक बस्तर कला, धान की नक्काशी और आधुनिक इंजीनियरिंग का जबरदस्त मेल दिखता है। छत पर धान की बालियां और पत्तियों की नक्काशी इस बात की याद दिलाती है कि छत्तीसगढ़ को “चावल का कटोरा” क्यों कहा जाता है। दरवाज़े और फर्नीचर स्थानीय कारीगरों ने बनाए हैं, जिससे हर कोने में बस्तर की कला की झलक नजर आती है। विधानसभा भवन को तीन हिस्सों (विंग A, B, C) में बांटा गया है-
- विंग A: विधानसभा सचिवालय
- विंग B: सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय
- विंग C: मंत्रियों के कार्यालय
यहां 500 दर्शकों की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और 100 सीटों वाला सेंट्रल हॉल भी है।
क्या यह इमारत भविष्य की "ग्रीन बिल्डिंग" है?
- बिलकुल! यह इमारत एनर्जी-एफिशिएंट यानी ऊर्जा की बचत करने वाली तकनीक पर आधारित है।
- इसमें सोलर पावर प्लांट लगाया गया है,
- बारिश का पानी जमा करने के लिए दो बड़े तालाब बनाए गए हैं,
- और भवन की पूरी डिज़ाइन ग्रीन कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी से तैयार की गई है।
- यह पहल छत्तीसगढ़ को पर्यावरण के अनुकूल राजधानी की दिशा में एक बड़ा कदम बनाती है।
क्या विधानसभा परिसर में बस्तर और सरगुजा की कला सच में झलकती है?
हां, विधानसभा की दीवारों और गलियारों में बस्तर की पारंपरिक लकड़ी की नक्काशी और सरगुजा की आदिवासी चित्रकला से सजावट की गई है। हर दीवार एक कहानी कहती है-छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, कला परंपरा और गौरवशाली इतिहास की।
क्या उद्घाटन के साथ और भी बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च होंगे?
हां, प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। इसके साथ ही सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में 14,260 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। सबसे खास बात-शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक और आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन भी इसी दिन होगा।
आखिर यह सिर्फ इमारत नहीं, छत्तीसगढ़ की पहचान क्यों है?
क्योंकि यह भवन सिर्फ ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा और संस्कृति का प्रतीक है। धान की बालियों से सजी छत, बस्तर की कला से दमकती दीवारें, और सौर ऊर्जा से चमकता परिसर-सब मिलकर बताते हैं कि नया छत्तीसगढ़ परंपरा और प्रगति दोनों का संगम है।
