सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने भाषण दिया। मोदी ने अपने भाषण में बाढ़, अनुच्छेद 370, तीन तलाक, जल शक्ति मंत्रालय, मेडिकल बिल, एक देश-एक चुनाव, किसान-गरीब, जल जीवन मिशन और जनसंख्या वृद्धि जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखी। 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने भाषण दिया। मोदी ने अपने भाषण में बाढ़, अनुच्छेद 370, तीन तलाक, जल शक्ति मंत्रालय, मेडिकल बिल, एक देश-एक चुनाव, किसान-गरीब, जल जीवन मिशन और जनसंख्या वृद्धि जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखी। 

'जनसंख्या विस्फोट आने वाली पीढ़ियों के लिए संकट खड़ा कर रहा'

  • मोदी ने कहा कि हमें चुनौतियों को सामने से स्वीकार करना होगा। इससे देश की भावी पीढ़ी का नुकसान होता है। हमारे यहां बेतहाशा जो जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए अनेक संकट पैदा करता है। 
  • ''एक जागरुक वर्ग है जो इस समस्या को भलिभांति समझता है। वह अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि मैं शिशु के सपनों को पूरा कर पाउंगा, उसकी जरूरतों को पूरा कर पाउंगा या नहीं। एक छोटा वर्ग इन सारे पैरामीटर्स पर परिवार नियोजन करता है और देश का भला करने में सहयोग देता है। उनका जितना सम्मान करें, छोटा परिवार रखकर वो देशभक्ति करते हैं।''
  • ''हमें खुद भी सोचना चाहिए कि क्या मेरे घर में जो शिशु आएगा, क्या मैं उसकी जरूरतों को पूरा कर सकूंगा। कोई परिवार ऐसा नहीं होगा जो बच्चों को परेशानी में छोड़ दे फिर भी बच्चे पैदा करता रहे। हमें जनसंख्या विस्फोट की चिंता करनी ही होगी। सरकारों को भी योजनाओं के तहत आगे आना होगा। हम अस्वस्थ समाज नहीं छोड़ सकते। हम अशिक्षित समाज नहीं छोड़ सकते।''
  • ''अगर आबादी शिक्षित नहीं है। तंदरुस्त नहीं है। तो न घर सुखी होता है न देश सुखी होता है। आबादी शिक्षित हो, तंदुरुस्त हो, अपनी जरूरत पूरी करने के लिए संसाधन जुटा सकता हो तो वो परिवार सुखी होता है।''