सार

PM Modi ने साझा किया कि स्वामी विवेकानंद के विचारों ने उनके जीवन को कैसे प्रभावित किया। उन्होंने RSS के साथ अपने संबंधों पर भी चर्चा की और बताया कि यह संगठन कैसे शिक्षा और स्वास्थ्य में योगदान दे रहा है।

 

PM Modi podcast with Lex Fridman:अमेरिकन पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम नरेंद्र मोदी का तीन घंटे लंबा इंटरव्यू लिया है। रविवार शाम को फ्रिडमैन ने पॉडकास्ट को रिलीज किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट में बचपन, गांव से लेकर आध्यात्म और दुनिया की राजनीति पर खुलकर बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद और आरएसएस को लेकर भी अपना पक्ष रखा। आईए जानते हैं पीएम मोदी संग बातचीत का प्रमुख अंश...

स्वामी विवेकानंद के विचारों ने मेरे जीवन को गढ़ा: पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने जीवन पर स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के गहरे प्रभाव को साझा किया। उन्होंने बताया कि बचपन में वह अक्सर गांव की लाइब्रेरी (Village Library) जाया करते थे, जहां स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ने का अवसर मिला। उनके विचारों ने पीएम मोदी के व्यक्तित्व को गहराई से प्रभावित किया।

पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद की एक घटना का जिक्र किया, जब उन्होंने श्री रामकृष्ण परमहंस (Sri Ramakrishna Paramahamsa) से अपनी बीमार मां के इलाज के लिए मदद मांगी। इस पर परमहंस जी ने उन्हें मां काली (Devi Kali) के समक्ष प्रार्थना करने की सलाह दी। जब स्वामी विवेकानंद मां काली के पास गए तो उन्हें एहसास हुआ कि जो ईश्वर पहले ही दुनिया को सबकुछ दे चुके हैं, उनसे कुछ मांगने का कोई अर्थ नहीं है। इस अनुभव ने उन्हें यह सिखाया कि मानव सेवा (Service to Humanity) ही ईश्वर की सर्वोच्च भक्ति (Devotion) है।

RSS ने मेरे जीवन को एक उद्देश्य दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ अपने गहरे संबंध को साझा करते हुए कहा कि वह इसे अपना सौभाग्य (Saubhagya) मानते हैं कि उन्हें इस महान संगठन का हिस्सा बनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि संघ ने उन्हें निस्वार्थ सेवा (Selfless Service) के मूल्य सिखाए, जिसने उनके जीवन को एक उद्देश्य प्रदान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा संगठन आरएसएस है जो निस्वार्थ भाव से सेवा में लगा हुआ है। आरएसएस का मतलब केवल टोपी पहनना नहीं है।

पीएम मोदी ने संघ की वैश्विक स्तर पर हो रही सेवा गतिविधियों की सराहना की और बताया कि कैसे यह संगठन पूरे देश में शिक्षा (Education) और स्वास्थ्य (Healthcare) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने वामपंथी मजदूर संगठनों (Leftist Labor Unions) और संघ से जुड़े मजदूर संगठनों के दृष्टिकोण में अंतर बताते हुए कहा: लेफ्टिस्ट यूनियन कहती है- ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ जबकि संघ की यूनियन कहती है- ‘मजदूरों, दुनिया को एक करो’। यह संघ की विचारधारा को दर्शाता है कि वह किस तरह समरसता और राष्ट्र सेवा को प्राथमिकता देता है।