सार
26 फरवरी यानी महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी ने 98वीं मन की बात की। इस दौरान उन्होंने डिजिटल इंडिया की ताकत पर बात की। पीएम ने डिजिटल के दौर में टेली कंसल्टेंसी के फायदे बताते हुए सिक्किम के मदनमणि से इस पर बात भी की।
Mann Ki Baat: 26 फरवरी यानी महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी ने 98वीं मन की बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की ताकत हमारे देश में दिख रही है। एक ऐप है ई-संजीवनी, जिसके जरिए टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से 10 करोड़ कंसल्टेशन हो चुके हैं। इस ऐप के जरिए मरीज और डॉक्टर के बीच एक अद्भुत नाता बन चुका है। भारत के लोगों ने तकनीक को कैसे अपने जीवन का हिस्सा बनाय है, ये इसका जीता-जागता उदाहरण है। कोरोना के दौर में भी ई-संजीवनी ऐप लोगों के लिए बहुत लाभदायक रहा है।
सिक्किम के मदनमणि ने सुनाया टेली-कंसल्टेंसी का अनुभव :
हमारे साथ सिक्किम से मदन मणि जी हैं। उन्होंने धनबाद से एमबीबीएस किया और बनारस यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है। वो ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों लोगों को टेली कंसल्टेशन दे चुके हैं। मदनमणि जी के मुताबिक, सिक्किम में नजदीक के अस्पतालों में भी गाड़ी से जाना पड़ता है। ऐसे में लोग टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से जुड़ते हैं। वेलनेस सेंटर में कम्युनिकेशन हेल्थ ऑफिसर हमें मरीज की सारी दिक्कत बताता है और हम उसे इलाज के लिए परामर्श देते हैं। मदनमणि जी के मुताबिक, अब तक वो टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से 536 मरीजों का इलाज कर चुके हैं।
यूपी के मदन मोहन से भी PM ने की बात :
यूपी के चंदौली जिले के रहने वाले मदन मोहन से पीएम मोदी ने बात की। मदन मोहन डाइबिटीज के मरीज हैं और टेली कंसल्टेशन की मदद से अपना इलाज करा रहे हैं। मदन मोहन के मुताबिक, जिले में अस्पताल दूर है। ऐसे में हम टेली कंसल्टेशन के माध्यम से डॉक्टर का गाइडेंस ले रहे हैं। साथ ही हमारा समय भी बचता है। टेली कंसल्टेशन के माध्यम से हमें कभी ऐसा नहीं लगा कि हम डॉक्टर साहब को दूर से दिखा रहे हैं।
भारतीय खिलौनों की बढ़ती डिमांड पर की बात :
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा- जब भारतीय खिलौनों की बात हुई, तो देश के लोगों ने, इसे भी हाथों-हाथ बढ़ावा दे दिया। अब तो भारतीय खिलौनों का इतना क्रेज हो गया है कि विदेशों में भी इनकी डिमांड बहुत बढ़ रही है। हमारे द्वारा स्टोरी टेलिंग की भारतीय विधाओं पर बात की गई तो इनकी प्रसिद्धि भी दूर-दूर तक पहुंची है। पीएम ने कहा- मुझे वो दिन याद है, जब हमने मन की बात में भारत के पारंपरिक खेलों के प्रोत्साहन की बात की थी। फौरन उस समय देश में एक लहर सी उठ गई भारतीय खेलों के जुड़ने की, इन्हें सीखने की।
700 जिलों के 5 लाख से ज्यादा लोगों ने लिया हिस्सा :
पीएम मोदी ने कहा- सरदार पटेल की जयंती यानी एकता दिवस के मौके पर मैंने मन की बात में तीन कॉम्पिटीशन की बात की थी। ये प्रतियोगिताएं, देशभक्ति पर गीत, लोरी और रंगोली से जुड़ी थीं। मुझे ये बताते हुए खुशी है कि देश भर के 700 से ज्यादा जिलों के 5 लाख से ज्यादा लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और 20 से ज्यादा भाषाओं में अपनी एंट्री भेजी थी। सभी को मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई।
लोरी कॉम्पिटीशन में बीएम मंजूनाथ ने जीता पहला पुरस्कार :
आपमें से हर कोई चैम्पियन, कला साधक है। आप सबने दिखाया है कि अपने देश की संस्कृति, विविधता के लिए आपके दिलों में कितना प्रेम है। आज इस मौके पर मुझे लता दीदी की याद आना स्वाभाविक है। क्योंकि जब ये प्रतियोगित प्रारंभ हुई थी तो उन्होंने देशवासियों से इसमें शामिल होने की अपील की थी। साथियों, लोरी राइटिंग कम्पटीशन में पहला पुरस्कार, कर्नाटक के चामराजनगर जिले के बीएम मंजूनाथ जी ने जीता है। इन्हें ये पुरस्कार कन्नड में लिखी उनकी लोरी 'मलगू कंदा' के लिए मिला है। इसे लिखने की प्रेरणा इन्हें अपनी मां और दादी के गाए लोरी गीतों से मिली।
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