सार
पीएम मोदी ने संसद में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक, किसी को नहीं बख्शा। केजरीवाल के 'शीशमहल' पर भी तंज कसा।
PM Modi in Lok Sabha: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित विपक्ष पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक पर तंज कसे। लोकसभा में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के शीशमहल को लेकर भी हमलावर हुए। आईए जानते हैं पीएम मोदी के स्पीच की 10 बड़ी बातें...
- राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब बुखार चढ़ता है तो लोग कुछ भी बोल देते हैं। लेकिन जब वे बहुत हताश होते हैं तो भी कुछ बोल देते हैं। एक दिन पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए विदेश मंत्री को अमेरिका में इनविटेशन लाने के लिए भेजने का आरोप लगाया था।
- पीएम मोदी ने लोकसभा में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमने कई कदम उठाए हैं जिससे बहुत सारा पैसा बचा है लेकिन हमने उस पैसे का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया बल्कि हमने उस पैसे का इस्तेमाल देश बनाने में किया है।
- विपक्ष पर हमलावर पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग संविधान को जेब में रखकर जीते हैं, वे भूल जाते हैं कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को किस तरह से मुश्किलों में धकेला।
- सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को थका हुआ कहने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक महिला राष्ट्रपति का अपमान किया जा रहा है, मैं राजनीतिक हताशा को समझ सकता हूं। लेकिन राष्ट्रपति का अपमान क्यों किया जा रहा है? क्या कारण है। आज भारत इस तरह की विकृत मानसिकता को छोड़कर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के मंत्र को आगे बढ़ा रहा है।
- पीएम मोदी ने कहा कि अगर आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी गति से आगे बढ़ सकता है। और कई वर्षों तक इस क्षेत्र में काम करने के बाद मेरा यह विश्वास और मजबूत हुआ है।
- राहुल गांधी पर तंज कसते हुए पंडित नेहरू पर पीएम मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि जब तक वे विदेश नीति पर बात नहीं करेंगे, तब तक वे परिपक्व नहीं लगेंगे, भले ही इसके लिए डेस्क को नुकसान क्यों न उठाना पड़े। मैं सुझाव देता हूं कि जो लोग वास्तव में विदेश नीति में रुचि रखते हैं, वे जेएफके फॉरगॉटन क्राइसिस नामक पुस्तक पढ़ें। इसमें भारत के नेहरू और अमेरिकी राष्ट्रपति जेएफके के बीच हुई चर्चाओं का विवरण है, जिसमें बताया गया है कि चुनौतीपूर्ण समय में विदेश नीति को कैसे संभाला गया और इसके नाम पर क्या-क्या खेल खेले गए।
- पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए, एक एआई नहीं है, बल्कि डबल एआई है, जो भारत की डबल ताकत है। एक एआई- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरा एआई है- आकांक्षी भारत।
- पीएम मोदी ने कहा कि समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाया जाना चाहिए, यही वजह है कि हमने कौशल विकास के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना की। लोकतंत्र का कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि शासन आम नागरिक तक पहुंचे। भारत के सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए, हमने एक समर्पित सहकारिता मंत्रालय बनाया। कुछ लोगों के लिए जाति पर चर्चा करना एक फैशन बन गया है। लेकिन 30-35 वर्षों से अधिक समय से, ओबीसी सांसद ओबीसी समुदाय के लिए संवैधानिक मान्यता की मांग कर रहे हैं। जो लोग अब जाति की राजनीति को अपने एजेंडे के लिए एक उपकरण के रूप में देखते हैं, उन्होंने तब ओबीसी की कभी परवाह नहीं की। यह हमारी सरकार थी जिसने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, इसे संवैधानिक ढांचे में एकीकृत किया।
- पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग झुग्गी-झोपड़ियों में फोटो सेशन करवाकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों के बारे में चर्चा करना बोरिंग लगेगा।
- राजीव गांधी के कथन को दोहराते हुए कांग्रेस पर हमलावर पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रधानमंत्री थे जिन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से जाना जाता था, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था कि जब दिल्ली से 1 रुपया निकलता है, तो गांवों तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं। उस समय पंचायत से लेकर संसद तक एक ही पार्टी का शासन था, और आम आदमी आसानी से समझ जाता था कि 15 पैसे कहां गए।
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