सार

पीएम मोदी ने हाल ही में Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार, साउथ में बीजेपी की पकड़, क्रिश्चियन माइनॉरिटी और केरल में टूरिज्म की संभावनाओं पर खुलकर बात की।

लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे ज्यादा किसी चीज पर जोर दे रहे हैं तो वो है 'मोदी की गारंटी'। अपने 10 साल के कामकाज को लेकर वो जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

Watch: PM नरेन्द्र मोदी का फुल इंटरव्यू…

Asianet News Exclusive: PM Modi का धमाकेदार इंटरव्यू, 1st टाइम हर मुद्दे पर दिया इनडेप्थ जवाब

सवाल- आपका फोकस साउथ स्टेट्स में दिख रहा है। हालांकि, कर्नाटक चुनाव में मनमाफिक रिजल्ट नहीं आया। अब आप साउथ की 131 में से 50 सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। क्या ये संभव है?

जवाब- देश में एक नैरेटिव बना दिया गया कि भाजपा यानी अपर कास्ट की पार्टी। रियलिटी ये है कि भाजपा में सबसे ज्यादा SC, ST और OBC हैं। फिर भाजपा का एक कैरेक्टर ये बना दिया कि ये तो पुरातनपंथी पार्टी है, नया सोच ही नहीं सकती। आज पूरी दुनिया में डिजिटल मूवमेंट का नेतृत्व कोई करता है तो बीजेपी कर रही है। दूसरा, आप तेलंगाना देखिए, वहां हमारा जो वोट शेयर था, वो अब डबल हो चुका है। 2019 के पार्लियामेंट इलेक्शन में साउथ में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बीजेपी है। सबसे ज्यादा सांसद बीजेपी के हैं। 2024 में पहले की तुलना में वोट शेयर भी बहुत बढ़ेगा, सीटें भी बढ़ेंगी। जब राम मंदिर को लेकर मेरा अनुष्ठान चल रहा था और मैं साउथ में गया तो मैंने वहां लोगों का जो प्यार और विश्वास देखा वो अनप्रेसिडेंटेड था। मैं पक्का मानता हूं कि मिथ टूटेगा, बहुत जल्द भाजपा को सेवा करने का अवसर मिलेगा। 

सवाल- केरल में को-ऑपरेटिव सेक्टर में हुए भ्रष्टाचार को लेकर क्या हम कुछ एक्शन की उम्मीद कर सकते हैं?

जवाब- केरल के अंदर भ्रष्टाचार की इतनी गंध भरी पड़ी है लेकिन ईकोसिस्टम ऐसा बनाया हुआ है कि कोई चीज बाहर आने नहीं देते हैं। और इसलिए इस चुनाव में जब मैं गया तो को-ऑपरेटिव को लेकर बोला हूं कि ये सामान्य मानवीय के साथ बहुत बड़ा क्राइम है। गरीब परिवार बैंक में पैसा रखता है तो उसको लगता है कि चलो हमें ब्याज ज्यादा मिलेगा, बेटी बड़ी होगी तो शादी के काम आएंगे। करीब 300 को-ऑपरेटिव बैंक हैं, जो पूरी तरह ये लेफ्टिस्ट चलाते हैं। करीब 1 लाख करोड़ रुपया केरल की गरीब जनता का उसमें पड़ा हुआ है। अब एक बैंक में हमने जो कार्रवाई की तो उसमें करीब 90 करोड़ रुपए अटैच किए। अभी लीगल एडवाइज ले रहा हूं कि ये 90 करोड़ रुपया जिसका है, उसके वापिस कैसे मिले। 

सवाल- आरोप है कि केंद्र सरकार साउथ स्टेट के प्रति सौतेला रवैया अपना रही है। इस पर आपकी प्रतिक्रिया?

जवाब- मुझे बताइए हिमालय से नदियां निकल रही हैं और हिमालय के जो राज्य हैं वो कह दें कि इस पानी पर किसी का नहीं सिर्फ मेरा हक है, तो देश चलेगा क्या? ये संपत्ति पूरे देश की है। दूसरी बात, ये व्यवस्थाएं संविधान में निर्धारित नियमों से चलती हैं। कोई सरकार अपनी मर्जी से नहीं करती। जब 14th फाइनेंस कमीशन आया तो उसने जो 32 प्रतिशत डिवॉल्यूशन था, उसे 42 कर दिया। मैंने कहा- मुझे राज्यों पर भरोसा है। राज्य भी अच्छा करेंगे, पैसा जाने दो राज्यों के पास। हमने उस फाइनेंस कमीशन की रिपोर्ट को स्वीकार किया। अब यूपीए के कालखंड में जब मनमोहन सिंह जी थे तब कर्नाटक को डिवॉल्यूशन के 10 साल में 80 हजार करोड़ रुपए मिले थे। हमारी सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। केरल को यूपीए के समय 46 हजार करोड़ रुपए दिए गए, हमारी सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए दिए। यूपीए के समय तमिलनाडू को 95 हजार करोड़ रुपए दिए गए, आज 2.90 लाख करोड़ रुपए मिले हैं। 

सवाल- कर्नाटक में सूखा पड़ा है और ऐसे मामले सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं कि केंद्र सरकार फंड नहीं दे रही। इस पर रिट पिटीशन भी लगाई गई है। क्या कहेंगे?

जवाब- आपदा आती है तो सरकारें बाद में, सबसे पहले आम नागरिक परेशान होता है। और हम सबकी जिम्मेवारी नागरिकों के प्रति है। 900 करोड़ रुपए का फंड समय पर कर्नाटक को जा चुका है। कोई बकाया नहीं है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल टीम होती है, वो प्रभावित एरिया में जाती है उसका सर्वे करती है। अगर ऐसी कोई विशेष परिस्थिति आती है कि और ज्यादा फंड की जरूरत है तो दिया जाता है। भारत सरकार ने इलेक्शन कमीशन को लिखा कि ऐसे संकट के समय हम और मदद करना चाहते हैं, इसलिए हमें परमिशन दें। लेकिन राजनीतिक फायदा उठाना आजकल फैशन हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में जाकर अड़ंगे डाल दो। केरल के लोग गए थे, सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमकर लताड़ा। 

सवाल- बीजेपी केरल में पैर जमाने की पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन वहां जमीन तलाशना काफी कठिन है। आखिर ये इतना मुश्किल क्यों है?

जवाब-  जब भी केरल में आपदा आई, सर्वाधिक लोग जिन्होंने मैदान में काम किया वो हमारे हैं। इसलिए आज स्थिति ये है कि केरल में लेफ्ट की जमीन खिसक रही है और जनता को पता चल रहा है कि मतदाताओं की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। 2011 विधानसभा चुनाव में एनडीए को 6 परसेंट वोट मिला था। 2014 के बाद लोकसभा, विधानसभा, लोकल बॉडी हर चुनाव में बीजेपी को करीब-करीब 15 परसेंट वोट मिल रहा है। मतलब हम लगातार प्रगति कर रहे हैं। 

सवाल- बीजेपी केरल में क्रिश्चियन माइनॉरिटी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है लेकिन उसे निर्णायक स्तर नहीं मिल पा रहा है। क्या कहेंगे?

जवाब- गोवा में कई दशकों से हमारी सरकार चल रही है और वो क्रिश्चियन कम्युनिटी की मदद से ही चल रही है। नॉर्थ-ईस्ट में हमारी जितनी सरकारें हैं, उनमें ज्यादातर या तो हमारे मुख्यमंत्री ईसाई हैं,  या मंत्रिमंडल के अंदर ईसाई सदस्य हैं। केरल में बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक हमारी लीडरशिप में क्रिश्चियन साथी हैं। एलडीएफ-यूडीएफ के झूठ से क्रिश्चियन कम्युनिटी तंग आ गई है और मेरे पास शिकायत करते हैं कि हमारे चर्चों के बीच में इतनी लड़ाई करवा दी है। आप हमारी मदद कीजिए। चर्च वहां इतनी मुसीबत में जी रहा है, हम उसकी चिंता कर रहे हैं। 

सवाल - कांग्रेस और यूडीएफ का आरोप है कि आप सीएम पिनराई विजयन और उनके परिवार के प्रति नरम रुख अपना रहे हैं, खासकर सोने की तस्करी वाले मामले में। क्या कहेंगे?

जवाब- मोदी के सॉफ्ट होने या हार्ड होने का कोई मतलब ही नहीं है। ये काम इंस्टिट्यूशंस करती हैं, स्वतंत्र रूप से करती हैं और न मेरी सरकार ने न प्रधानमंत्री को ऐसी चीजों में टांग अड़ानी चाहिए। भ्रष्टाचार में डूबी पिनराई सरकार को हमने हमेशा बेनकाब किया है। 15 अप्रैल के भाषण में गोल्ड स्मग्लिंग मामले को लेकर मैंने सीएम ऑफिस की ओर हमने इशारा किया। सीपीएम ने को-ऑपरेटिव बैंक को लूटा है, उसको बेनकाब करने का काम हमने ही किया है और आनेवाले दिनों में भी लोगों को न्याय दिलाने के लिए हम तैयार हैं। 

सवाल- केरल में पीएम आवास योजना में प्रधानमंत्री की फोटो को लेकर आपत्ति है। खासकर राजनीतिक दलों को इसमें लाभार्थियों के लिए अपमान दिख रहा है। क्या कहेंगे?

जवाब- किसी भी तरह की फोटो का कोई विषय नहीं है। सवाल है उसका नाम-पीएम आवास योजना। उसका एक लोगो होता है, ताकि उसकी एक आइडेंटिटी हो। भारत सरकार का जो बजट बनता है, उसे संसद पारित करती है। योजनाओं, स्कीम उनके नाम पर पारित करती है। अगर आप वहां नाम बदल देंगे, तो मेरे पास ऑडिट रिपोर्ट निकलेगी कि केरल में तो पीएम आवास हैं ही नहीं। आपने पैसे कैसे दे दिए। तो मैं कैग को क्या रिपोर्ट दूंगा। मेरी जिम्मेवारी है कि मुझे पार्लियामेंट ने जो पैसा खर्च करने का हक दिया है, वो मैं वहीं खर्च करूंगा, क्योंकि कैग ऑडिट करेगा। पीएम कोई व्यक्ति नहीं, एक व्यवस्था है। उसका भी अगर वो विरोध करेंगे तो इसका मतलब है कि आपके अंदर कितनी नफरत और निराशा है। मुझे बताइए, हमने आयुष्मान आरोग्य मंदिर, ये योजना बनाई। अब केरल ने कह दिया मंदिर नहीं लिखेंगे। मंदिर का मतलब पूजा घर नहीं है। आप मेरे यहां बड़ौदा में जाइए, हाईकोर्ट को वहां न्याय मंदिर कहते हैं। ये सामान्य टर्मिनोलॉजी है और वो कहते हैं कि हम नहीं करेंगे। 

सवाल- केरल में टूरिज्म की बहुत संभावनाएं हैं। इसको और बढ़ावा देने के लिए केरल और भारत में क्या प्रयास किए जाएंगे?

जवाब- जी20 में मेरी कोशिश थी की मेरे राज्यों को पूरी दुनिया में एक्सपोजर मिले। इसलिए जी20 की करीब 200 मीटिंग्स देश की अलग-अलग जगहों पर की। आज दुनिया के किसी भी देश के नेता आते हैं तो मैं उन स्टेट्स में लेकर जाता हूं। अफ्रीका में एक बेटी कि आंख की ट्रीटमेंट केरल में हुई थी। मैंने उसकी ब्रांडिंग की और बताया कि हमारे यहां केरल का आयुर्वेद है और जो बीमारी वहां ठीक नहीं होती तो आप यहां आइए। केरल में स्प्रिचुअल टूरिज्म में भी बहुत संभावनाएं हैं। गुरुवायूर, पद्मनाभ स्वामी, सबरीमला, क्या नहीं है। भारत का सबसे पुराना चर्च, पहली मस्जिद केरल में है। केरल को हम इतना आगे बढ़ाना चाहते हैं कि दुनिया के लिए सिर्फ आकर्षण का केंद्र नहीं बल्कि कम्पल्शन बन जाए।