सार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में भारत ग्रामीण महोत्सव 2025 का उद्घाटन किया। इस बीच उन्होंने सभी फसलों की खरीद की गारंटी देने वाले कानून की मांग कर रहे किसानों से अपनी बात भी कही। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता कृषि को बढ़ावा देने की रही है।
नरेंद्र मोदी ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की गई हैं। हमने कई फसलों पर MSP लगातार बढ़ाया है। इसका उद्देश्य किसानों और गांव के लोगों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम दिलाना है। पीएम किसान सम्मान निधि द्वारा किसानों को 3 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। पिछले 10 साल में कृषि कर्ज को 3.5 गुना बढ़ाया गया है।"
कांग्रेस का नाम लिए बिना नरेंद्र मोदी बोले- जाति के नाम पर सौहार्द बिगाड़ने की हो रही कोशिश
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति के नाम पर सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जब उनकी सरकार थी तब अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों की जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया गया। लोगों को गांवों से पलायन करना पड़ा। गरीबी बढ़ती रही। गांवों और शहरों के बीच की खाई बढ़ती रही। पीएम ने कहा, "जिन लोगों को किसी ने नहीं पूछा उन्हें मोदी ने पूजा है। जो क्षेत्र दशकों से विकास से वंचित थे उन्हें अब समान अधिकार मिल रहे हैं।"
ग्रामीण भारत की खरीदने की क्षमता बढ़ी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण भारत के लोगों को सशक्त बनाया है। गांवों में रहने वाले लोगों की क्रय शक्ति 2011 की तुलना में लगभग तीन गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा, "हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट आई है। इसके अनुसार 2012 में ग्रामीण गरीबी करीब 26% थी। अब यह घटकर 5% से भी कम रह गई है।"
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पहले स्थिति ऐसी थी कि गांव के लोगों को अपनी आय का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा भोजन पर खर्च करना पड़ता था, लेकिन आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी भोजन पर होने वाला खर्च 50 प्रतिशत कम हो गया है और जरूरत की चीजें खरीदने की क्षमता बढ़ गई है।"
केंद्र में पहले रही कांग्रेस सरकारों पर कटाक्ष करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, "पहले स्थिति ऐसी थी कि गांव के लोगों को अपनी आय का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा भोजन पर खर्च करना पड़ता था। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी भोजन पर होने वाला खर्च 50 प्रतिशत कम हो गया है। उनके जरूरत की चीजें खरीदने की क्षमता बढ़ गई है।"
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