संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर 27 सितंबर को भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। जयशंकर भारत की विदेश नीति, ग्लोबल साउथ और जलवायु संकट जैसे मुद्दों पर देश का पक्ष रखेंगे।
PM Modi UNGA 2025: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें हाई लेवल सेशन में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह 27 सितंबर को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और महासभा में भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखेंगे। संयुक्त राष्ट्र की रिवाइज्ड लिस्ट में साफ किया गया है कि पीएम मोदी अब 26 सितंबर को होने वाली मोस्ट अवेटेड जनरल डिबेट में शामिल नहीं होंगे।
ट्रंप का पीएम मोदी की दोस्त पर बयान
UNGA से पहले भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के रूस से तेल आयात पर नाराजगी जताई थी। ट्रंप ने यहां तक कहा कि वॉशिंगटन ने 'भारत और रूस को चीन के पाले में खो दिया है।' हालांकि, बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वे सिर्फ 'बहुत निराश' हैं.ट्रंप ने पीएम मोदी को 'ग्रेट प्राइम मिनिस्टर' बताते हुए निजी रिश्तों की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'भारत और अमेरिका का रिश्ता बहुत खास है, हमें इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। कभी-कभार रिश्तों में ऐसे पल आते हैं, लेकिन हमारी दोस्ती हमेशा रहेगी।'
SCO समिट की तस्वीर पर भी सवाल
टैरिफ वॉर के बाद हालात तब और बिगड़े जब ट्रंप ने पीएम मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ SCO समिट (तियानजिन) की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। अमेरिकी मीडिया में इसे संकेत माना गया कि भारत मास्को और बीजिंग के करीब जा रहा है। हालांकि भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई।
UNGA का 80वां सेशन काफी बिजी रहेगा
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर से शुरू होगा और 29 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान वैश्विक राजनीति और संघर्षों से जुड़े कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इस साल का थीम है- 'बेहतर साथ: शांति, विकास और मानवाधिकारों के 80 साल और आगे।'
UNGA 2025 का पूरा शेड्यूल
- 22 सितंबर कोसंयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ का विशेष सत्र
- 24 सितंबर कोजलवायु सम्मेलन (यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा आयोजित)
- बीजिंग घोषणा के 30 साल पूरे होने पर महिलाओं के अधिकारों पर हाई-लेवल मीटिंग
- ग्लोबल इकोनॉमी, युवाओं, मेंटल हेल्थ, AI गवर्नेंस, परमाणु निरस्त्रीकरण और रोहिंग्या संकट पर समिट
- इसे संयुक्त राष्ट्र का 'सबसे व्यस्त कूटनीतिक सप्ताह' कहा जा रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर का रोल क्यों अहम?
विदेश मंत्री जयशंकर का UNGA में भाषण भारत की विदेश नीति को नई दिशा देगा। वे ग्लोबल साउथ की आवाज, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष और बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों पर भारत का मजबूत पक्ष रखेंगे। जयशंकर इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की कूटनीति को मजबूती से प्रस्तुत कर चुके हैं। ऐसे में इस बार उनकी स्पीच पर दुनिया की नज़रें टिकी रहेंगी।
इसे भी पढ़ें- टैरिफ विवाद के बीच ट्रंप का बड़ा बयान: 'मोदी ग्रेट लीडर, दोस्ती पर असर नहीं'
