सार
भारत की पहल से अफ्रीकन यूनियन जी20 संगठन का सदस्य बन गया है। जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की शुरुआत बेहद उत्साहजनक दृश्य के साथ हुई है। यह वह वक्त था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकन यूनियन के जी20 का स्थायी सदस्य बनने की घोषणा की। उन्होंने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष को गले लगाया और जी20 सदस्य की कुर्सी पर बिठाया।
जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत की जी20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर इंक्लूजन का, सबका साथ का प्रतिक बन गई है। भारत में यह पीपुल्स जी20 बन गया है। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े, देश के 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं। सबका साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को जी20 की स्थायी सदस्यता दी जाए। मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमती है। आप सबकी सहमति से आगे की कार्यवाही शुरू करने से पहले मैं अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को जी20 स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।"
नरेंद्र मोदी ने इस घोषणा के साथ तीन बार बेल बजाया। अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमानी जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए उठे तो बैठक में मौजूद सभी लोगों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। इसी दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अजाली असौमानी के पास पहुंचे। जयशंकर उन्हें जी20 के स्थायी सदस्य की कुर्सी की ओर ले जाने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर असौमानी की ओर बढ़े और उन्हें गले लगाकर जी20 का सदस्य बनने पर बधाई दी।
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भारत की पहल से जी20 का सदस्य बना अफ्रीकन यूनियन
जी20 संगठन में 19 देश (भारत, रूस, फ्रांस, इटली, जर्मनी, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, जापान, अमेरिका, अर्जेंटीना और तुर्की) के साथ यूरोपीय यूनियन शामिल थे। इस संगठन में अफ्रीका महाद्वीप को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं था। इस महाद्वीप से सिर्फ दक्षिण अफ्रीका संगठन का सदस्य था। अफ्रीका महाद्वीप को प्रतिनिधित्व देने के लिए भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी20 का सदस्य बनाने के लिए पहल की थी। भारत के प्रस्ताव पर सभी देश सहमत हुए और अफ्रीकन यूनियन को सदस्यता मिल गई। अफ्रीकन यूनियन में 55 देश शामिल हैं। इस संगठन में अफ्रीकी महाद्वीप के सभी देशों का प्रतिनिधित्व है।
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