सार

Pm Security breach : प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद से अब तक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस 6 बार सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को फोन कॉल्स कर धमकी दे चुके हैं। से चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के वकील किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करे। इस मामले में दिल्ली पुलिस UAPA के तहत एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। 

नई दिल्ली। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के वकीलों को एक बार फिर आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का फोन कॉल आया। इसमें सीजेआई एनवी रमना (CJI NV Ramana) के लिए धमकी दी गई। कॉल में, SFJ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू की आवाज में चेतावनी दी गई है कि शुक्रवार चार फरवरी को दिल्ली रेलवे स्टेशन (Delhi railway station) को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इससे पहले पन्नू ने सुप्रीम कोर्ट के ऊपर खालिस्तानी झंडा फहराने की धमकी दी थी।  

न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा ने बताया कि हमारे कुछ साथियों को सुबह यह कॉल आया। उन्होंने कहा कि हमें  लगता है कि ये लोग बार - बार सिर्फ ऊल-जुलूत बातें कहकर हमें प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनकी इस बातों पर कोई गंभीर फैसला लेने की जरूरत है।  

Pm की सुरक्षा में चूक के बाद से 6 कॉल आ चुके
पांच जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के बठिंडा से फिरोजपुर के शहीद स्मारक जा रहे थे। मौसम खराब होने की वजह से वे सड़क मार्ग से जा रहे थे, लेकिन शहीद स्मारक से करीब 30 किमी पहले कुछ प्रदर्शनकारियों ने पीएम का रास्ता रोक लिया था। करीब 20 मिनट रुके रहने के बाद पीएम को वापस लौटना पड़ा था। तब से लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के पास 6 कॉल्स आ चुके हैं।

26 जनवरी के लिए भी दी थी धमकी
इससे पहले पन्नू ने 26 जनवरी को दिल्ली में मोदी का रास्ता रोकने की धमकी देते हुए खालिस्तानी झंडा फहराने की घोषणा की थी और ऐसा करने वाले को 10 लाख डॉलर ईनाम देने की बात कही थी। उसने जम्मू - कश्मीर के लोगों को भी दिल्ली मार्च करने और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कश्मीर का झंडा फहराने की अपील की थी। पन्नू ने SC की रिटायर्ड जज इंदू मल्होत्रा को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की जांच को नहीं बढ़ाने की धमकी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस में इस संबंध में एक एफआईआर भी दर्ज कराई है। जिंदल ने कहा कि खालिस्तानियों के बयान भारत की संप्रभुता और एकता को चुनौती देते हैं और विभिन्न समुदायों और राज्यों के बीच नफरत पैदा करने वाले हैं।  

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