जम्मू-कश्मीर पुलिस की SIA ने देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में कश्मीर टाइम्स के जम्मू ऑफिस पर छापा मारा। तलाशी में हथियारों के कार्ट्रिज और ग्रेनेड लीवर मिले। एडिटर अनुराधा भसीन पर अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप है।
श्रीनगर/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को देश के खिलाफ एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के आरोप में जम्मू स्थित कश्मीर टाइम्स के ऑफिस पर छापा मारा। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, सर्च के दौरान Ak-47 कार्ट्रिज, पिस्टल राउंड और तीन ग्रेनेड लीवर बरामद हुए। छापे की कार्रवाई अब भी जारी है।
एडिटर अनुराधा भसीन के खिलाफ FIR दर्ज
कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन के खिलाफ भी कथित तौर पर नाराजगी फैलाने, अलगाववाद का महिमामंडन करने और भारत व केंद्र शासित प्रदेश की संप्रभुता और टेरिटोरियल इंटीग्रिटी को खतरा पहुंचाने के लिए FIR दर्ज की गई है। सूत्रों के मुताबिक, SIA की टीम सुबह रेजिडेंसी रोड स्थित अखबार के दफ्तर पहुंची और कई घंटों तक तलाशी ली। टीम ने दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों की बारीकी से जांच की। एसआइए ने अखबार पर FIR नंबर 02/2025 के अंतर्गत गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ी धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने कहा कि इन्वेस्टिगेशन का मकसद उनके कथित लिंक्स और एक्टिविटीज की जांच करना है, जो भारत की संप्रभुता को खतरा पहुंचाती हैं।
एंटी-टेरर ऑपरेशंस के तहत हुई कार्रवाई
SIA का कहना है कि यह कार्रवाई एंटी-टेरर ऑपरेशन्स के तहत की गई है। अखबार और इसके प्रमोटर्स में इसकी एडिटर अनुराधा भसीन भी शामिल हैं, उनके खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धारा 13 के तहत FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि अखबार देश के खिलाफ असंतोष फैलाने और देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, SIA जल्द एडिटर अनुराधा भसीन से पूछताछ करेगी। उनसे उनकी गतिविधियों, कॉन्टैक्ट्स और कथित ‘प्रोपेगेंडा नेटवर्क’ में उनके रोल के बारे में सवाल किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अखबार से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है।
1954 में वेद भसीन ने शुरू किया था अखबार
बता दें कि कश्मीर टाइम्स जम्मू और कश्मीर के सबसे पुराने और सबसे जाने-माने अखबारों में से एक है। इसे वेद भसीन ने शुरू किया था और 1954 में इसे वीकली अखबार के तौर पर छापा गया था, जिसे 1964 में डेली अखबार में बदल दिया गया। वेद भसीन के निधन के बाद अखबार का संचालन उनकी बेटी अनुराधा भसीन और दामाद प्रमोद जम्वाल देखते थे।


