सार
राष्ट्रपति ने कहा कि अगर तकनीकी का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो यह जीवन को आसान कर देगा लेकिन इसका दुरुपयोग मानवता पर दुष्प्रभाव करेगा।
Artificial Intelligence misuse: दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर बहस शुरू हो चुका है। नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग लोगों के जीवन को आसान बना रहा है लेकिन डीपफेक बनाने के लिए इसका दुरुपयोग समाज के लिए खतरा पैदा कर सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर तकनीकी का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो यह जीवन को आसान कर देगा लेकिन इसका दुरुपयोग मानवता पर दुष्प्रभाव करेगा।
लड़कियों की शिक्षा में निवेश दुनिया का सबसे मूल्यवान निवेश
राष्ट्रपति राष्ट्रसंत तुकादोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय (आरटीएमएनयू) के 111वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा में निवेश देश की प्रगति में सबसे मूल्यवान निवेश है। राष्ट्रपति मुर्मू ने दीक्षांत समारोह में आधे से अधिक डिग्री धारक लड़कियों के होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसी तरह लगभग 4 लाख छात्र आरटीएमएनयू और इसके संबद्ध कॉलेजों से अपनी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और कुल छात्रों में से 40 प्रतिशत लड़कियां हैं, जो एक बहुत ही संतोषजनक कारक है। मेरा मानना है कि लड़कियों की शिक्षा में निवेश देश की प्रगति में सबसे मूल्यवान निवेश है।
एआई के दुरुपयोग पर जताई चिंता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अब हर युवा टेक्नोलॉजी को समझता भी है और उसका उपयोग भी करता है। किसी भी संसाधन का सदुपयोग भी हो सकता है और दुरुपयोग भी। यही बात टेक्नोलॉजी के साथ भी लागू होती है। अगर इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए तो इससे समाज और देश को फायदा होगा, लेकिन अगर इसका दुरुपयोग मानवता को प्रभावित करेगा। आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग हमारे जीवन को आसान बना रहा है, लेकिन डीपफेक के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग समाज के लिए खतरा है। इस संबंध में नैतिक मूल्य-आधारित शिक्षा हमें रास्ता दिखा सकती है। उन्होंने कहा कि आज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे बड़े बदलावों को देखते हुए लगातार सीखने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा, छात्रों को हमेशा जिज्ञासु रहना चाहिए और जीवन भर सीखने का प्रयास करना चाहिए।
पीएम मोदी भी जता चुके हैं चिंता
डीपफेक वीडियो सिंथेटिक मीडिया हैं जिसमें मौजूदा छवि या वीडियो में किसी व्यक्ति को किसी और की छवि से बदल दिया जाता है। पिछले महीने, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आगाह किया था कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा बनाए गए डीपफेक एक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं और मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया था।
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