सार

18 जुलाई को देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (President Poll 2022) के लिए बैलेट बाक्स भेजने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। ज्यादातर राज्यों की राजधानियों राष्ट्रपति चुनाव के लिए बैलेट बाक्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

नई दिल्ली. राष्ट्रपति चुनाव (President Poll 2022) के लिए बैलेट बॉक्स यात्रियों की तरह से उड़ान भर रहे हैं। जी हां यह सुनकर आप चौंक जाएंगे लेकिन यह सच है कि इन बैलट बाक्स को राज्यों की राजधानियों तक पहुंचाने के लिए फ्लाइट की टिकट बुक की गई है। 18 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और ज्यादातर वोटिंग राज्यों की राजधानियों में होनी है। इसलिए समय से बैलेट बाक्स पहुंचाने के लिए यह तरीका अपनाया जा रहा है। 

मिस्टर बैलेट बाक्स के नाम से बुकिंग
जानकारी के अनुसार 18 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए मतपेटियां पहुंचाई जा रही हैं। जिसके लिए मिस्टर बैलेट बॉक्स के नाम से अलग से टिकट बुक किए गए हैं। वह मतदान सामग्री जैसे मतपत्र और वोट देने के लिए विशेष पेन के साथ ट्रवेल कर रहे अधिकारी की सीट के बगल में विमान की अगली पंक्ति में रखा जाता है। मंगलवार को जहां 14 मतपेटियां भेजी गईं, वहीं बुधवार को 16 मतपेटियां भेजी जाएंगी। संसद भवन और दिल्ली विधानसभा के लिए बनी बैलेट बाक्स बुधवार को भेजे जाने की संभावना है।

यहां सड़क मार्ग से जाएंगी मतपेटियां
अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के लिए बनी मतपेटी सड़क मार्ग से ही जाएगी। राज्य से सहायक रिटर्निंग अधिकारी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी चुनाव सामग्री को इकट्ठा कर रहे हैं। यहां चुनाव आयोग मुख्यालय निर्वाचन सदन से यह बाक्स लिए जाते हैं। उन्हें उसी दिन राज्य की राजधानी में पहुंचाना अनिवार्य होता है। एक बार जब मतपेटियां और मतपत्र राज्यों की राजधानियों में पहुंच जाते हैं, तो इन्हें पहले से साफ किए गए और ठीक से सील किए गए स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाती है।

सुरक्षा निगरानी में होता है प्रोसेस
मतदान समाप्त होने के बाद, मतदान और सीलबंद मतपेटियों और अन्य चुनाव सामग्री को अगली उपलब्ध उड़ान से वापस रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में ले जाया जाना होता है। इस बार राज्यसभा के महासचिव कार्यालय पहुंचाया जाएगा। बक्सों और अन्य दस्तावेजों को व्यक्तिगत रूप से विमान के केबिनों में ले जाया जाता है। साथ चलने वाले अधिकारियों की नजर ये यह ओझल नहीं होता है। उनकी नजर बराबर बनी रहती है। 

कौन-कौन होते हैं मतदाता
राष्ट्रपतिव चुनाव में मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होता है। इसमें निर्वाचित सांसद और विधायक वोट देने के हकदार होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में एमएलसी को वोट देने का अधिकार नहीं है। सहायक रिटर्निंग अधिकारियों से बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव आयोग की टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करना बार-बार त्रुटि मुक्त चुनाव कराने की पहचान बन गया है। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि उन्होंने अधिकारियों से सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मतपेटियों और मतपत्रों,चुनाव सामग्री के परिवहन और भंडारण के लिए प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया है। 

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