लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर बहस हुई। प्रियंका गांधी ने कहा ये गीत देश की आत्मा है, बहस चुनावी रोटियों के लिए है। कांग्रेस ने इसे विवादित करने से इनकार किया और सरकार की नीतियों को कमजोर बताया।
Vande Mataram Lok Sabha Debate: वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के मौके पर सोमवार 8 दिसंबर को लोकसभा में इस पर जोरदार बहस चल रही है। बीजेपी की ओर से पीएम मोदी और अनुराग ठाकुर ने अपनी बात रखी, वहीं कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ने बहस में हिस्सा लिया। प्रियंका गांधी ने कहा, ये वो गीत है जिसके सामने अंग्रेज झुके। यह गीत 150 साल से देश की आत्मा का हिस्सा है। देश क लोगों के दिल में बसा है। आज इस पर बहस क्यों हो रही है? मकसद क्या है इसका?
क्या बंगाल चुनाव की वजह से हो रही वंदे मातरम् पर चर्चा
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, आप वंदे मातरम् पर बहस कर रहे हैं, लेकिन इलेक्टोरल रिफॉर्म की बहस नहीं मान रहे थे। इसकी वजह क्या है? क्या इस बहस का कारण बंगाल चुनाव है। जिन्होंने स्वतंत्रता की आजादी लड़ी, सरकार उन पर नए आरोप थोपना चाहती है। आपका मकसद इसी अतीत में मंडराते रहना है। जो हो चुका है, जो बीत चुका है। ये सरकार वर्तमान, भविष्य की ओर देखना नहीं चाहती। अब मोदी जी वो पीएम नहीं रहे जो पहले थे, ये दिखने लगा है। इनकी नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं। सत्ता पक्ष के लोग भी इससे सहमत हैं, इसलिए चुप हैं। देश को लोग तमाम समस्याओं से घिरे हैं। इनके पास इसका हल नहीं है।
1930 से विवादित हुआ वंदे मातरम्
प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम् पर बोलते हुए कहा, इसकी जो असली क्रोनोलॉजी है- 1875 में इस गीत के पहले जो अंतरे हैं बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखे। 7 साल बाद उनका एक उपन्यास प्रकाशित हुआ आनंदमठ, उसमें ये प्रकाशित हुआ, लेकिन इसमें 4 अंतरे जोड़ दिए गए। 1905 में बंगाल के विभाजन आंदोलन के समय विद्यार्थियों से किसानों तक सबने इसे गाया। ब्रिटिश साम्राज्य इसे सुनकर कांपता था। ये गीत मातृभूमि के लिए मर-मिटने की भावना को जगाता है। इस गीत का हमारे देश से बहुत गहरा जुड़ाव है। 1930 के दशक में सांप्रदायिकता की राजनीति उभरी, तब से यह गीत विवादित होने लगा।
इस महामंत्र को विवादित कर पाप कर रही बीजेपी- प्रियंका गांधी
आज की ये बहस सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए की जा रही है। पेपरलीक, महंगाई, आरक्षण के साथ खिलवाड़, महिलाओं के हालात सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बड़े-बड़े शहरों में प्रदूषण है, लेकिन हम सदन पर छोटी-छोटी बातों पर बात कर रहे हैं। आप में हिम्मत है तो बेरोजगारी पर बात करिये, पेपरलीक पर बात करिये। सच्चाई ये है कि इनका शासन दमन का शासन है, दिखावे की राजनीति है, चुनाव से चुनाव तक की राजनीति है। आज भी सरहद पर जवान जब दुश्मन का सामना करता है, तो उसकी छाती वंदे मातरम् कहती है। हमारे खिलाड़ियों की धड़कने वंदे मातरम कहती हैं। कांग्रेस के हर एक अधिवेशन में सामूहिक तौर पर वंदे मातरम गाया गया है। अपने देश की आत्मा के इस महामंत्र को विवादित करके आप बहुत बड़ा पाप कर रहे हैं। इसमें कांग्रेस शामिल नहीं होगी। ये गीत हमेशा से हमें प्यार है और हमारे लिए पवित्र रहा है।


