सार
अधिकारियों ने कहा कि भले ही सुरक्षा बल बड़ी संख्या में कश्मीर में तैनात हो लेकिन मोबाइल सेवाओं के निलंबन के अलावा घाटी में कहीं भी कोई प्रतिबंध नहीं है।
श्रीनगर (Srinagar). जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद आज सोमवार को लगातार 57वें दिन भी बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने से घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा।
सड़को पर कोई सार्वजनिक वाहन नहीं, इंटरनेट सेवाएं भी बंद
इस बीच अधिकारियों ने कहा कि भले ही सुरक्षा बल बड़ी संख्या में कश्मीर में तैनात हो लेकिन मोबाइल सेवाओं के निलंबन के अलावा घाटी में कहीं भी कोई प्रतिबंध नहीं है। असामाजिक तत्वों के कई स्थानों पर कारों में तोड़-फोड़ करने और दुकानदारों को धमकाने के बाद बंद का असर अधिक दिखा और ऐसी घटनाओं का संज्ञान ले लिया गया है। आगे उन्होंने बताया कि घाटी में मुख्य बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक वाहन भी सड़क से नदारद रहे लेकिन शहर के कुछ इलाकों में कुछ निजी कारें और कुछ अंतर-जिला कैब और ऑटो रिक्शा नजर आएं। उत्तर में हिंदवाड़ा और कुपवाड़ा इलाकों को छोड़ कर कश्मीर में मोबाइल सेवाएं हर जगह निलंबित हैं और लगातार 57वें दिन इंटरनेट सेवाएं हर मंच पर बंद रहीं।
सुरक्षा कारणों के चलते बच्चों को घर से बाहर नहीं भेज रहे हैं माता पिता
केन्द्र सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से ही कश्मीर के स्कूलों में कक्षाएं प्रभावित हैं। अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के सामान्य संचालन के राज्य सरकार के प्रयास अभी तक रंग नहीं लाए हैं क्योंकि माता-पिता अब भी सुरक्षा कारणों से बच्चों को घर से बाहर भेजने को तैयार नहीं हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के कई नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं।
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]