सार
महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर मामले में उसके पिता ने दवा किया है। 2020 में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) से रिटायर हुए दिलीप खेडकर ने अपनी बेटी का बचाव किया है।
Puja Khedkar Trainee IAS Officer Case: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर मामले में उसके पिता ने दवा किया है। 2020 में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) से रिटायर हुए दिलीप खेडकर ने अपनी बेटी का बचाव किया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी किसी द्वारा उनके परिवार को निशाना बनाने के लिए रची जा रही साजिश का शिकार थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खेडकर ने कहा कि उनका विकलांगता प्रमाणपत्र वैध है। इसमें कई तरह की विकलांगता होती है। पूजा को आंखों की बीमारी से पीड़ित है, जो 40 फीसदी से ज्यादा है। इसलिए वह विकलांगता के 40 फीसदी मानदंडों को पूरा करती है। मेडिकल स्पेशलिस्ट ने प्रमाण पत्र जारी करने से पहले उसकी विकलांगता का वेरीफाई किया था।
दिलीप खेडकर ने कहा कि उनकी बेटी को एक निश्चित श्रेणी की मानसिक बीमारी है, जिसे विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले मेडिकल प्रोफेनलों ने वेरिफाई किया था। साल 2022 में पूजा खेडकर को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 34 के तहत मानसिक विकलांगता का सर्टिफिकेट दिया गया था। हालांकि, 22 अप्रैल, 2022 को और उसके बाद पांच अलग-अलग मौकों पर मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाए जाने पर वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली में उपस्थित नहीं हुई। जब सवाल किया गया, तो खेडकर ने कहा, "उस समय उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था और आगे के टेस्ट के लिए कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली थी।
पूजा खेडकर ने दिखाए गलत इनकम
बता दें कि पूजा खेडकर ने ओबीसी आरक्षण का फायदा उठाने के लिए क्रीमी लेयर शर्त के तहत सर्टिफिकेट जमा किए थे। उसने अपनी फैमिली की इनकम भी 8 लाख दिखाए थे। जबकि असलियत में परिवार की संपत्ति ₹ 80 करोड़ थी। जिसमें उनके पिता दिलीप की ₹ 40 करोड़, उनकी पत्नी मनोरमा की ₹ 18 करोड़ और पूजा की ₹ 22 करोड़) आंकी गई है। इस मामले पर बयान देते हुए दिलीप खेडकर ने कहा कि मैं जल्द ही इस मामले पर बोलूंगा और सभी आरोपों का समाधान करूंगा।
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