सार
5 राज्यों सहित अगले साल पंजाब (Punjab) में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Assebly Election 2022) में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) पूरा दमखम झोंक रही है। अरविंद केजरीवाल 27 नवंबर को फिर पंजाब में रहेंगे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त कमेंट्स आ रहे हैं।
नई दिल्ली. अपने पिछले दौरे के समय पंजाब में कांग्रेस के विधायकों को कचरा बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) 27 नवंबर को फिर से यहां के दौरे पर निकले हैं। वे मोहाली में अध्यापकों के विरोध प्रदर्शन(teachers protest) में शामिल होंगे। 5 राज्यों सहित अगले साल पंजाब (Punjab) में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Assebly Election 2022) में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) पूरा दमखम झोंक रही है।
twitter पर छिड़ी बहस
केजरीवाल के पंजाब दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त कमेंट़्स आ रहे हैं। पढ़िए कुछ कमेंट्स...
AAP के विधायक राघव चड्ढा(Raghav Chadha) ने एक पोस्ट करके लिखा-चन्नी साब, इन टीचर्ज़ की मांगें मान लो नहीं तो कल केजरीवाल आ रहा है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने tweet किया था-पंजाब के शिक्षा मंत्री @PargatSOfficial ने मेरी चुनौती को स्वीकार करते हुए दिल्ली व पंजाब के 250 स्कूलों में हुए शिक्षा सुधार पर बहस की स्वीकृति दी है। पिछले 5 सालों में पंजाब में जिन स्कूलों की हालत सुधरी है उनमें से सबसे बेहतर 250 स्कूलों की लिस्ट का मुझे इंतज़ार है। मैं खुद भी दिल्ली के 250 स्कूलों की लिस्ट सौंपूंगा। फिर हम दोनों एक साथ, तय समय और तारीख़ पर, इन स्कूलों में चलेंगे। साथ में मीडिया को भी बुला लेंगे। ताकि सभी लोग पंजाब और दिल्ली के स्कूलों को, दोनों के शिक्षा मॉडल को, देखकर अपनी राय बना सकें। इतना ही नहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कल मोहाली जा रहे हैं। वहां वे अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंजाब के शिक्षकों से मुलाकात करेंगे। स्कूल में हुए सुधारों के बारे में वहां पढ़ा रहे शिक्षकों से बेहतर कौन बता सकता है।
टीचरों की लड़ाई में कूदी AAP
पंजाब के टीचर सातवां वेतन आयोग को लागू करने, सरकारी स्कूलों में करीब 3 हजार शिक्षकों की विभागीय परीक्षा आयोजित करने के विरोध आदि मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। मोहाली में कांट्रैक्ट टीचर्स धरना दे रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले पंजाब और दिल्ली के शिक्षा मॉडल की तुलना होने लगी है। पिछले कुछ समय से पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के बीच सोशल मीडिया के जरिये बहस जारी है। वे दोनों अपने-अपने शिक्षा मॉडल को बेहतर बता रहे हैं। सिसौदिया ने 10-10 स्कूलों की तुलना करने के लिए कहा था। इसके जवाब में पंजाब के शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे दोनों राज्यों के 250-250 स्कूलों की तुलना करेंगे। पिछले दिनों अमृतसर आए केजरीवाल ने शिक्षकों को 8 गारंटी दी थीं। इसमें उन्हें परमानेंट करने और ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार की बात कही थी। हालांकि पंजाब सरकार ने स्कूल एजुकेशन के नेशनल परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (NPGI) का हवाला देकर तंज कसा था कि पंजाब टॉप और दिल्ली 6वें नंबर पर है। इसलिए केजरीवाल पहले दिल्ली के स्कूल सुधारें, इसके बाद पंजाब की चिंता करें।
आगे देखिए कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं...
.#बेटा सो जा, सो जा...नहीं तो गब्बर आ जाएगा, क्या चड्ढाजी(AAP विधायक राघव चड्ढा), केजरीवालजी न हुए जैसे गब्बर हो गया। पता नहीं आप लोगों को क्या हो गया है, कभी उत्तराखंड भागे जा रहे हो, कभी उत्तरप्रदेश भागे जा रहे हो, कभी पंजाब भागे जा रहे हो |
#वही केजरीवाल जो अन्ना आंदोलन के समय कहते थे कि जब तक संसद में मुलायम सिंह यादव हैं, भ्रष्टाचार निरोधक कानून की उम्मीद नही कर सकते और आज उसी की पर्टी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा को कोसते-कोसते आज हिन्दू-मुसलमान की राजनीति करने लगे।
#एकदम सावधान चन्नी जी, केजरीवाल आते ही पंजाब के सभी शिक्षक को 1,000 रुपए का प्रलोभन देंगे और वोट मांगेंगे।
#जैसे दिल्ली में @ArvindKejriwal जी आए और सभी गेस्ट टीचर्स को धोखा दे गए...सभी गेस्ट टीचर्स को आपने चुनावी वादों में पक्का करने के लिए बोला था...कब होंगे सभी गेस्ट टीचर्स पक्के...हमें जवाब चाहिए।
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