सार
पंजाब में कैबिनेट विस्तार को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ तीन बार बैठकें की। दो बार यह बैठक राहुल गांधी के आवास पर हुई।
चंडीगढ़. चंडीगढ़. पंजाब कैबिनेट का विस्तार हो गया है। रविवार को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इस विस्तार में 15 मंत्री शामिल किए गए हैं। 7 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट के 8 मंत्रियों को रिपीट किया गया है। पंजाब के दोआबा क्षेत्र के नेता व विधायक दागी कहकर राणा गुरजीत का विरोध कर रहे थे। इसके बावजूद उनका नाम नहीं काटा गया। राणा गुरजीत कैप्टन सरकार की कैबिनेट में थे।
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तीन बैठकों के बाद फाइनल हुए नाम
पंजाब में कैबिनेट विस्तार को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ तीन बार बैठकें की। दो बार यह बैठक राहुल गांधी के आवास पर हुई। माना जा रहा है कि कैबिनेट में राहुल गांधी के पसंद के युवा नेताओं का नाम शामिल किया गया है।
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ये विधायक बने मंत्री
- ब्रह्म मोहिंदरा- अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री थे। छह बार के विधायक रहे हैं।
- मनप्रीत सिंह बादल- अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री थे।
- तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा- दूसरी बार मंत्री बने हैं। कैप्टन की सरकार में भी मंत्री रहे हैं। अमरिंदर सिंह के खिलाफ की थी बगावत।
- अरुणा चौधरी- दीनानगर सीट से तीसरी बार विधायक हैं। कैप्टन की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहीं।
- सुखबिंदर सिंह सरकारिया- कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रहे।
- राणा गुरजीत सिंह- कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी हुआ करते थे।
- रजिया सुल्ताना- अमरिंदर सिंह की सरकार में भी मंत्री थीं।
- विजय इंदर सिंगला- कैप्टन अमरिंदर सिंह करीबी थे।
- भारत भूषण आशु- अमरिंदर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
- रणदीप सिंह नाभा- पहली बार मंत्री बने। चौथी बार विधायक बने हैं।
- राजकुमार वेरका- पहली बार मंत्री बनें।
- संगत सिंह गिलजियान- तीन बार से विधायक हैं। पहली बार मंत्री बनें।
- परगट सिंह- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी। दूसरी बार विधायक बने हैं।
- अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग- गिद्दरबाहा सीट से दो बार के विधायक हैं।
- गुरकीरत सिंह कोटली- पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं। दूसरी बार के विधायक हैं।
इन हुई छुट्टी
कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले साधु सिंह धर्मसोत, बलवीर सिद्धू, राणा गुरमीत सोढ़ी, गुरप्रीत कांगड़ और सुंदर शाम अरोड़ा को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है।