सार
पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य पर केंद्रित रहना चाहिए। उन्होंने मानवीय और आपदा राहत, ऋण स्थिरता, आपूर्ति श्रृंखला और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में क्वाड के भीतर सहयोग के ठोस रूपों का आह्वान किया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को क्वाड नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग में भाग लिया। पीएम मोदी के साथ क्वाड मीटिंग में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe biden), ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) और जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने क्वाड लीडर्स की मीटिंग में हिस्सा लिया।
किन मुद्दों पर क्वाड लीडर्स ने की बातचीत?
पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य पर केंद्रित रहना चाहिए। उन्होंने मानवीय और आपदा राहत, ऋण स्थिरता, आपूर्ति श्रृंखला और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में क्वाड के भीतर सहयोग के ठोस रूपों का आह्वान किया।
पीएम ने बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की जरूरत पर जोर दिया। नेताओं ने आसियान, हिंद महासागर क्षेत्र और प्रशांत द्वीप समूह में विकास सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करने, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व को दोहराया।
व्हाइट हाउस ने क्वाड लीडर्स का एक संयुक्त रीडआउट भी जारी किया। जारी बयान में कहा गया कि क्वाड नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और मानवीय संकट पर चर्चा की और इसके व्यापक प्रभावों का आकलन किया। वे नई मानवीय सहायता और आपदा राहत तंत्र के लिए खड़े होने पर सहमत हुए।
जापान में शिखर सम्मेलन के लिए तय किया एजेंडा
क्वाड लीडर्स ने एक दूसरे के संपर्क में रहने और जापान में आगामी नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा की दिशा में काम करने पर सहमति जताई है। वाशिंगटन डीसी में सितंबर 2021 में हुए शिखर सम्मेलन के बाद यह मीटिंग हुई है।
क्या है QUAD?
2007 में आई सुनामी के बाद भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने राहत प्रयासों में सहयोग के लिए यह गठबंधन बनाया था। इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस ग्रुप का मकसद नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करना है। हालांकि इसके केंद्र में चीन है। 2017 में चारों देशों ने चीन का खतरा बढ़ता देख क्वाड को पुनर्जीवित किया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर काबू पाने के लिए आगे आए।
चीन ने पिछली बैठक पर साधा था निशाना
सितंबर 2021 में अमेरिका में हुए क्वाड शिखर सम्मेलन पर चीन की मीडिया और विशेषज्ञों ने आरोप लगाया था कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को नियंत्रित करने का एक और प्रयास है। उसने कहा था कि ये समूह अपना उद्देश्य पाने में नाकाम रहा है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने 24 सितंबर 2021 को हुई बैठक के अगले दिन बैठक को लेकर आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट में उसने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा था कि क्वाड एक अनौपचारिक सभा है, जिसके निशाने पर कोई देश नहीं है। इसके बावजूद उसने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को निशाना बनाने की कोशिश बताया था।