सार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को हाल ही में भारत आए वीवीआईपी एयरक्राफ्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने पंजाब में कहा, पीएम मोदी ने हाल ही में 8000 करोड़ रुपए का एयरक्राफ्ट खरीदा, जिसमें 50 बेड हैं। लेकिन इसपर मीडिया ने कोई सवाल नहीं पूछा। 

नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को हाल ही में भारत आए वीवीआईपी एयरक्राफ्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने पंजाब में कहा, पीएम मोदी ने हाल ही में 8000 करोड़ रुपए का एयरक्राफ्ट खरीदा, जिसमें 50 बेड हैं। लेकिन इसपर मीडिया ने कोई सवाल नहीं पूछा। ये विमान मोदी के दोस्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर है इसलिए पीएम इसे अपने लिए भी चाहते थे। लेकिन राहुल के ये आरोप कितने सही हैं और इसमें तथ्य कितने हैं, इस पर नजर डालते हैं...

  • दरअसल, इन विमानों को खरीदने की प्रक्रिया यूपीए सरकार में करीब एक दशक पहले शुरू हुई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि शायद यूपीए सरकार की अधिकांश अन्य योजनाओं की तरह, राहुल गांधी भी इस खरीद की प्रक्रिया को रोकना चाहते थे? 
  • मोदी सरकार आने के बाद इस खरीद की प्रक्रिया को बस पूरा किया गया है।  
  • यह एयरक्राफ्ट सिर्फ 'पीएम मोदी' के लिए नहीं हैं। बल्कि इनका उपयोग अन्य VVIP लोग भी करेंगे। 
  • ये एयरक्राफ्ट भारतीय एयरफोर्स के हैं, नाकि प्रधानमंत्री के। 

  खरीद की प्रक्रिया की समयसीमा पर एक नजर

  • वीवीआईपी लोगों की यात्रा के लिए दो नए विमान के खरीद की प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई। उस वक्त ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के निर्देश पर, सचिवों की समिति की एक बैठक हुई थी, जिसमें यह फैसला किया गया कि एक इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप मौजूद विकल्पों पर विचार करेगा, ताकि लंबे वक्त के लिए इस्तेमाल हो सकने वाले वीवीआईपी विमान खरीदे जा सकें। 
  • इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप की करीब 10 बैठकों के बाद 2012 में सिफारिशें की गईं। इस दौरान दो सिफारिशें की गईं- पहली मौजूदा B777 ईआर को बदला जाए, एयर इंडिया द्वारा आर्डर किए गए विमान (जो अभी तक डिलिवर नहीं हुआ) का इस्तेमाल किया जाए। 
  •  इसके अलावा, कैबिनेट सचिवालय ने अगस्त, 2013 में विमान को भारतीय वायु सेना में स्थानांतरित करने की सिफारिश की। इसके बाद, प्रक्रिया को निष्कर्ष तक लाया गया।

 
क्यों पड़ी नए विमानों की जरूरत?
यह भी ध्यान दिया जा सकता है कि अब तक वीवीआईपी यात्रा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विमान एयर इंडिया जंबो जेट्स 25 साल से ज्यादा पुराने हैं। ये ना केवल लंबी उड़ान भरने में असमर्थ हैं, बल्कि ईधन भरने के लिए बीच में पड़ाव पर रुकना भी पड़ता है। इसके अलावा इनमें ईंधन की खपत भी ज्यादा है।