सार
केरल में वक्फ बोर्ड द्वारा जमीन पर किए जा रहे दावों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इन दावों को अवैध और अनुचित बताया है, साथ ही दो ईसाई संगठनों द्वारा जेपीसी में दिए गए सुझावों का स्वागत किया है।
Rajeev Chandrasekhar on Waqf Board Bill: केरल के कई गांवों पर वक्फ़ बोर्ड के दावों से सैकड़ों परिवारों के घरों पर संकट मंडराने लगा है। चेराई और मुनंबम गांव पर वक्फ ने अपना दावा किया है कि यहां की जमीनों पर उसका अधिकार है। इन दावों की वजह से गांव वाले काफी परेशान हैं। उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने वक्फ के दावों को अवैध और अनुचित करार देते हुए जेपीसी में दो प्रमुख ईसाई संगठनों के सुझाव की सराहना की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर साधा निशाना
पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मैं दो प्रमुख ईसाई संगठनों द्वारा वक्फ बोर्ड बिल पर संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किए गए सुझावों का स्वागत करता हूं। उनके सुझावों से पता चलता है कि कैसे वक्फ बोर्ड बड़ी संख्या में नागरिकों से भूमि का अनुचित तरीके से दावा कर रहे हैं जिन्होंने कानूनी रूप से भूमि खरीदी और विकसित की है। ये दावे अनुचित, असंवैधानिक और लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं। लेकिन अंदाज़ा लगाइए कि वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम का विरोध कौन कर रहा है - राहुल की संविधान लहराने वाली कांग्रेस पार्टी।
ईसाई संगठनों ने जेपीसी को दिया क्या सुझाव?
वक्फ बोर्ड द्वारा कई गांवों और जमीनों पर अपने दावे के बाद सैकड़ों परिवार के आशियाने पर संकट मंडरा रहा है। इन दावों के बाद केरल के दो ईसाई संगठनों ने जेपीसी को अपना सुझाव दिया है। साइरो मालाबार पब्लिक अफेयर्स कमीशन और कार्डिनल बेसलियोस क्लिमिस कैथोलिकोस ने जेपीसी को लेटर लिखा है। ईसाई संगठनों ने बताया कि केरल के एर्नाकुलम जिला के मुनानबाम बीच में रहने वाले 600 परिवारों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। इन परिवारों के आशियाने और जमीनों पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया है। 2022 में वक्फ कानून के लागू होने के बाद इन परिवारों को कठिनाई हो रही क्योंकि बोर्ड ने उनकी संपत्तियों पर अनुचित दावे किए हैं। वक्फ बोर्ड के दावे बड़ी संख्या में ऐसे लोगों के खिलाफ है जोकि उन्होंने कानूनी रूप से जमीन खरीदी किए हैं या निर्माण कराए हैं। यह दावे चिंता जताते हैं और पूरी तरह से अनुचित, असंवैधानिक हैं। जेपीसी से इन लोगों ने अपील किया कि भारतीय नागरिकों की वैध स्वामित्व वाली संपत्तियों पर ऐसे दावे भविष्य में न हों।
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