सार

रतन टाटा के निधन के चार महीने बाद, उनके करीबी सहयोगी शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स में महत्वपूर्ण पद दिया गया है। शांतनु ने सोशल मीडिया पर इस खबर को साझा किया।

9 अक्टूबर 2024 को रतन टाटा के निधन के बाद पूरे कारोबार जगत में शोक की लहर छा गई थी। ररतन टाटा के कारोबारी जीवन में युवा शांतनु नायडू बड़े सहयोगी के रूप में रहे। शांतनु को उनका बेहद करीबी और खास दोस्त भी कहा जाता है। रतन टाटा के जाने के 4 महीने बाद शांतनू नायडू को टाटा मोटर्स में बड़ी जिम्मेदारी दी गई। शांतनू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी ये जानकारी

शांतनू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं टाटा मोटर्स में एक नया पद शुरू संभाल रहा हूं। मुझे याद है जब मेरे पिता अपनी सफेद शर्ट और नेवी पैंट में टाटा मोटर्स प्लांट से घर जाते थे और मैं खिड़की पर उनका इंतजार करता था। रतन टाटा के सबसे खास सहयोगी रहे शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स के जनरल मैनेजर, हेड स्टैटजिक इनीशियटिव की जिम्मेदारी दी गई है।” इसके पहले उन्होंने गुडफेलोज नामक वेंचर शुरू किया था जिसमें रतन टाटा ने निवेश किया था।

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शांतनू ने अपनी किताब में किया था जिक्र

शांतनु नायडू 1993 में तेलुगु परिवार में पैदा हुए थे। उनहोंने अपनी शैक्षिक यात्रा की शुरुआत पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने से की और इसके बाद कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। 2018 में, शांतनु ने रतन टाटा के असिस्टेंट के रूप में काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने रतन टाटा के साथ कई प्रोजेक्ट पर काम किया था। शांतनु के साथ रतन टाटा का जुड़ाव तब और गहरा हुआ जब उन्होंने आवारा कुत्तों की सुरक्षा के लिए एक अभिनव सिस्टम विकसित किया। शांतनू के इस प्रोजेक्ट में रतन टाटा निवेश किया, जिससे यह परियोजना आगे बढ़ी। यह सहयोग शांतनु के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि रतन टाटा का समर्थन उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा थी। शांतनु नायडू ने अपनी किताब "आई केम अपॉन ए लाइटहाउस" में रतन टाटा के साथ अपने अनुभवों को साझा किया है।