सार

यूक्रेन पर रूस का हमला (Russia Ukraine War) तेज हो गया है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाकर लाने की कवायद तेज हो गई है। इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस का हमला (Russia Ukraine War) तेज हो गया है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाकर लाने की कवायद तेज हो गई है। इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में अदालत से केंद्र सरकार को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फंसे हुए भारतीय नागरिकों को भोजन, चिकित्सा सुविधाएं और आवास जैसी आवश्यक और आपातकालीन आपूर्ति मिले।

याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है। यूक्रेन भेजा गया एयर इंडिया का विमान बिना किसी भारतीय नागरिक को निकाले वापस आ गया। इससे फंसे भारतीय छात्रों और परिवारों की स्थिति और खराब हो गई है। इसमें कहा गया है कि भारतीय नागरिक और छात्र अपने जीवन और संपत्ति के लिए खतरों का सामना कर रहे हैं। कई छात्रों को भोजन और अन्य आवश्यक चीजों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें- यूक्रेन के Snake Island पर रूस का कब्जा, यूक्रेनी सैनिक ने जान देने से पहले रूसी युद्धपोत को दिया कड़ा जवाब

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार भारतीयों को यूक्रेन से लौटने का निर्देश देने के लिए कदम उठाने में विफल रही। युद्ध की स्थिति 10 दिन पहले पैदा हो गई थी। भारत सरकार अच्छी तरह से जानती थी कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जैसी स्थिति निकट भविष्य में उत्पन्न होगी। याचिका में यह भी प्रार्थना की गई है कि ऑनलाइन मोड के माध्यम से यूक्रेन स्थित विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों की एमबीबीएस की डिग्री को भारत में मान्यता दी जानी चाहिए।

क्या है मामला?
बता दें कि रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया था। शुक्रवार को हमला और अधिक तेज हो गया। भारतीय छात्र बंकरों और हॉस्टलों में पनाह लिए हुए हैं। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बनने की कोशिश है। यूक्रेन का नाटो और यूरोपिय यूनियन से करीबी संबंध है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा, लेकिन अमेरिका ने इससे इनकार कर दिया। रूस यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने को अपनी सुरक्षा के लिए संकट के रूप में देखता है।

यह भी पढ़ें- 20 सबसे बड़े कारण, जिसने रसिया-यूक्रेन के बीच करा दिया महाभारत, आसान शब्दों में जानें विवाद की 360 डिग्री वजह