सार
तक आईएनएस मंडोवी, गोवा में भारतीय नौसेना के ओशन सेलिंग नोड (ओएसएन) में दक्षिण अफ्रीकी नौसेना (African Navy-RSAN) के अधिकारी प्रशिक्षुओं (सब लेफ्टिनेंट) के लिए तीन सप्ताह की अवधि के एक सेल प्रशिक्षण कैप्सूल का आयोजन किया। इसका मकसद समुद्र में अकसर आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी है।
गोवा. भारतीय सेना का लोहा दुनियाभर की आर्मी मानती है। भारत की नौसेना, थल सेना और वायुसेना(Indian Navy, Army and Air Force) समय-समय पर अपने सहयोगी देशों की आर्मी को ट्रेनिंग देती है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना(Indian Navy) ने 28 मार्च से 16 अप्रैल तक आईएनएस मंडोवी, गोवा में भारतीय नौसेना के ओशन सेलिंग नोड (ओएसएन) में दक्षिण अफ्रीकी नौसेना (African Navy-RSAN) के अधिकारी प्रशिक्षुओं (सब लेफ्टिनेंट) के लिए तीन सप्ताह की अवधि के एक सेल प्रशिक्षण कैप्सूल का आयोजन किया। इसका मकसद समुद्र में अकसर आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी है।
पहले जानें इस ट्रेनिंग के बारे में
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इंडियन नेवल सेलिंग एसोसिएशन (आईएनएसए) की मदद से आयोजित किया गया था। यह एक इंटीग्रेटेड हैडक्वार्टर्स रक्षा मंत्रालय (नौसेना) में सेल ट्रेनिंग के संबंध में सर्वोच्च संगठन है। यह प्रशिक्षण इंडियन नेवल सेलिंग वेसल (आईएनएसवी) तारिणी पर आयोजित किया गया था, जिसने सितंबर 2017 से मई 2018 तक सभी महिला चालक दल के साथ दुनिया की परिक्रमा की थी।
20 दिन चली ट्रेनिंग
इस 20 दिनों की ट्रेनिंग में 10-10 दिन के बंदरगाह चरण एवं समुद्री चरण शामिल थे। इनमें से प्रत्येक में नौकायन सिद्धांत(sailing theory) और समुद्री उड़ान(sea sortie) के पहलुओं को शामिल किया गया था, जिसमें रात में भरी जाने वाली उड़ानें भी शामिल थीं।
सेल यानी नौकाओं के जरिये समुद्री सैर बेहद जोखिमपूर्ण होती है
सेल यानी नौका के जरिये महासागरों की यात्रा अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है। यह ट्रेनिंग न केवल जोखिम लेने की क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि जहाज पर सीमेनशिप, नेविगेशन, संचार और तकनीकी ऑपेरशन सहित आवश्यक कौशल को भी बढ़ाती है। इस प्रकार प्रशिक्षण का उद्देश्य भाग लेने वाले दल के लिए एडवेंचर की भावना को बढ़ावा देना और महासागरों में दो मित्र राष्ट्रों के बीच संबंधों को मजबूत करना रहा। प्रशिक्षण का उद्देश्य एक ऐसी समुद्री समझ का विकास करना था, जिसको बयां करना आसान नहीं है। इस ट्रेनिंग का एक मकसद प्रकृति के तत्वों के प्रति सम्मान पैदा करना भी है, जो सुरक्षित और सफल समुद्री यात्रा के साथ करीबी से जुड़े हैं।
यह भी जानें
ट्रेनिंग की सफल प्रगति के साथ ही भारतीय नौसेना भविष्य में इस तरह के और अधिक अनुकूलित महासागर सेल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए योजना रखती है। भारतीय नौसेना का मानना है कि इन जहाजों पर प्रशिक्षण नवोदित नौसेना अधिकारियों के बीच साहस, सौहार्द और एस्प्रिट-डी-कॉर्प्स के मूल्यों को प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह उनमें हौसला बढ़ाती है।
यह भी पढ़ें
जहांगीरपुरी हिंसा की जांच NIA से कराने SC में याचिका, दंगाई अंसार का AAP व घुसपैठियों से क्या कोई कनेक्शन है?
जब 100 साल पुराने पेड़ को दूसरे जगह ले जाकर किया गया रोपण