सार

पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड पर बुधवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने फैसला सुनाया। 2008 में उनकी हत्या की गई थी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को हत्या और मकोका के तहत दोषी करार दिया है।

नई दिल्ली। पत्रकार सौम्या विश्वनाथन (Soumya Vishwanathan) हत्याकांड पर बुधवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों (रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार, बलजीत मलिक और अजय सेठी) को हत्या और मकोका के तहत दोषी करार दिया है। 2008 में सौम्या विश्वनाथन की हत्या की गई थी। शव कार में मिला था। मार्च 2009 में आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की जांच और अदालती कार्रवाई में 15 साल लग गए। फरवरी 2010 में ट्रायल शुरू हुआ था।

30 सितंबर 2008 को विश्वनाथन हत्याकांड की हत्या हुई थी। वह दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में अपनी कार में मृत मिली थीं। पहले यह आशंका जताई गई थी कि मौत कार हादसे के चलते हुई। फॉरेंसिक रिपोर्ट में पता चला कि सिर में गोली लगने से पत्रकार की जान गई। इसके बाद पुलिस ने हत्या का एंगल से जांच शुरू की।

पुलिस ने जांच के बाद बताया था कि सौम्या ऑफिस से देर रात को घर लौट रहीं थी। पुलिस ने आशंका जताई थी कि सौम्या का पीछा किया गया होगा और दूसरे वाहन से उन्हें गोली मारी गई होगी। पुलिस ने सौम्या के आने-जाने वाले इलाके के सीसीटीवी फुजेट को खंगाला तो एक मरून रंग की कार उनका पीछा करती दिखी।

मार्च 2009 में दिल्ली पुलिस ने रवि कपूर और अमित शुक्ला को किया था गिरफ्तार

मार्च 2009 में दिल्ली पुलिस ने दो संदिग्धों (रवि कपूर और अमित शुक्ला) को गिरफ्तार किया। इनपर कॉल सेंटर कार्यकारी जिगिशा घोष की हत्या में भी शामिल होने का शक था। पूछताछ के दौरान कपूर और शुक्ला ने सौम्या की हत्या की बात कबूल की थी। जांच में यह भी पता चला कि सीसीटीवी फुटेज में दिखी मैरून कार का इस्तेमाल दोनों हत्याओं में किया गया था।

जून 2010 में दिल्ली पुलिस ने रवि कपूर, अमित शुक्ला और दो अन्य संदिग्धों (बलजीत मलिक और अजय सेठी) के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। साकेत कोर्ट में सौम्या मामले में मुकदमे की सुनवाई 16 नवंबर 2010 को शुरू हुई थी।