सार

पिछले दिनों रायपुर में हुई धर्म संसद (Dharm Sansad) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पर कथिततौर पर अपशब्द और अमर्यादित टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण (sant kalicharan maharaj) की गिरफ्तारी को लेकर पॉलिटिक्स गहरा गई है। वहीं, संत कालीचरण सोशल मीडिया पर ट्रेंड में आ गए हैं।

भोपाल. छत्तीसगढ़ के रायपुर में पिछले दिनों हुई धर्म संसद (Dharm Sansad) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में कथिततौर पर अपशब्द और अमर्यादित टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण (sant kalicharan maharaj) की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ गया है। जहां, इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकारों के बीच 'तलवारें' खिंच गई हैं, वहीं, सोशल मीडिया पर संत कालीचरण ट्रेंड में आ गए हैं। बता दें कि संत कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मध्य प्रदेश के खजुराहो से  गिरफ्तार किया है। रायपुर में संत के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। 

twitter पर ट्रेंड में महाराज
सोशल मीडिया पर कालीचरण महाराज के समर्थन में कैम्पेन चल पड़ा है। पढ़िए कुछ कमेंट्स...

#मैं दृढ़ता से मांग करता हूं कि हमारे महाराज को रिहा किया जाए।

#कालीचरण महाराज के साथ है हिंदू

#वे हिंदू लोग कालीचरण महाराज का विरोध कर रहे हैं; उन्हें नसरुद्दीन शाह का इंटरव्यू देखना चाहिए, क्या आपको उसे गिरफ्तार करने की आवश्यकता महसूस होती है? बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में मुसलमानों के खिलाफ उकसाऊ भाषणों को देश को गृह युद्ध की तरफ ले जाने वाला करार दिया था।

#हम उन संतों के साथ रहेंगे, जो हिंदू हित और हिंदू धर्म की बात करते हैं। 

#यहां तो प्रभु श्रीराम को गालियां देने वाले और माता सीता को व्याभिचारी कहने वालो पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, फिर कालीचरण महाराज ने गांधीजी के बारे मे कुछ कहा तो इतना हंगामा क्यों? अभिव्यक्ति की आजादी मुनव्वर फारूकी को है और कालीचरण जी महाराज को नहीं है?

#मैं दो भारत से आता हूं, जहां हमारे भगवान का अपमान और मज़ाक करना कॉमेडी है, लेकिन गांधी की आलोचना करना अपराध है।

#धर्म संसद का आयोजन कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे ने किया था और यह शख्स कालीचरण महाराज के अभद्र भाषा के खिलाफ FIR भी करता है। यह साजिश कांग्रेस द्वारा रची गई थी, ताकि राहुल गांधी की हिंदू-हिंदुत्ववादी राजनीति को सही ठहरा सकें।

छग और मप्र सरकार आमने-सामने
संत कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार आमने-सामने आ गई हैं। एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस तरह हुई गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई है। गृहमंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा-कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिस तरीके से की है‌ वह संघीय मर्यादा के खिलाफ है। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ सरकार को इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने छत्तीसगढ़ पुलिस से के तरीके पर विरोध जताकर स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए है।

इस पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा- एक अपराधी को गिरफ्तार किया गया है, इसलिए उसे (एमपी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा) इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। आमतौर पर पुलिस सूचना देती है लेकिन अपराध कई तरह के होते हैं। कभी दी जाती है तो कभी नहीं।

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