सार

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अगले महीना की 14 तारीख को भारत आ रहे हैं। वह 14 नवम्बर की सुबह भारत पहुंचेंगे। तय कार्यक्रम के बाद दिन में ही वापस लौट जाएंगे। इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। 

Saudi Arab Crown King India Visit: सऊदी क्राउन प्रिंस और सऊदी अरब किंगडम (केएसए) के पीएम मोहम्मद बिन सलमान अगले महीना नवम्बर महीने में भारत आ रहे हैं। भारत में पीएम मोदी से मीटिंग के बाद वह वापस लौट जाएंगे। दरअसल, इंडोनेशिया के बाली में जी -20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के पहले वह भारत आएंगे। सऊदी के क्राउन प्रिंस की यह यात्रा पीएम नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर है। बीते सितंबर में विदेश मंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री ने उनको निमंत्रण भेजा था। माना जा रहा है कि वैश्विक उर्जा संकट को देखते हुए भारत उनसे उर्जा सुरक्षा को लेकर बात कर सकता है। 

14 नवम्बर को वह भारत आ रहे

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अगले महीना की 14 तारीख को भारत आ रहे हैं। वह 14 नवम्बर की सुबह भारत पहुंचेंगे। तय कार्यक्रम के बाद दिन में ही वापस लौट जाएंगे। इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, भारत उनसे उर्जा संकट को देखते हुए उर्जा सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण वार्ता कर सकता है। इसके अलावा सऊदी अरब अपनी कुछ प्रोजेक्ट्स की समीक्षा भी कर सकता है। बीते 2019 में सऊदी अरब ने भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान तो किया था लेकिन यह प्रोजेक्ट्स आगे नहीं बढ़ सके।

कुछ दिनों पहले ही सऊदी के उर्जा मंत्री आए थे भारत

सऊदी ऊर्जा मंत्री अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान इसी सप्ताह भारत के दौरे पर थे। क्राउन प्रिंस के दौरे के पहले उनकी यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी गई है। यह इसलिए क्योंकि ओपेक + ने तेल उत्पादन में कटौती का निर्णय लिया है। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उर्जा के मोर्चे पर तमाम चुनौतियां पैदा हुई हैं। ओपेक प्लस देशों के तेल उत्पादन कटौती के बाद हालात काफी कठिन हुए हैं। रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध के बाद वैश्विक उर्जा संकट के हालात हैं। ऐसे में अन्य तेल उत्पादक देशों और बड़े खरीददार देशों के बीच ही स्थितियां ठीक नहीं हैं। इस मुद्दे को लेकर उर्जा मंत्री ने भारत और चीनी अधिकारियों से एकसाथ ऑनलाइन मीटिंग भी की थी। सऊदी मंत्री के यात्रा के पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिजली मंत्री आरके सिंह सहित शीर्ष भारतीय मंत्रियों के साथ चर्चा की थी।

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