Group Captain Shubhanshu Shukla Axiom-4 मिशन से लौटे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने। PM Modi, Rajnath Singh और Jitendra Singh ने दी बधाई। जानें ISS मिशन, Dragon Grace Spacecraft और Gaganyaan से जुड़े ट्रेंडिंग अपडेट्स।

Shubhanshu Shukla Space Mission: भारत के लिए एक और अंतरिक्षीय इतिहास रचा गया है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल (Shubhanshu Shukla) ने मंगलवार को कैलिफोर्निया के सैन डिएगो के तट पर Axiom-4 मिशन के साथ सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी की। वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने जिन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन(ISS) की यात्रा पूरी की है।

18 दिन तक ISS में रहने के बाद शुभांशु शुक्ल की वापसी को लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है। पीएम मोदी से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह तक ने उन्हें सम्मानित शब्दों में बधाई दी है।

PM Modi का संदेश -एक अरब सपनों को प्रेरणा दी

पीएम मोदी (PM Modi) ने X (पूर्व में Twitter) पर लिखा: मैं देश की ओर से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं। अंतरिक्ष में उनके ऐतिहासिक मिशन ने एक अरब सपनों को प्रेरणा दी है। यह Gaganyaan की ओर हमारे मानव अंतरिक्ष मिशन में एक और मील का पत्थर है।

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22.5 घंटे का वापसी सफर, ड्रैगन ग्रेस से स्प्लैशडाउन

Axiom-4 मिशन की वापसी Dragon 'Grace' spacecraft के जरिए हुई जिसमें शुभांशु शुक्ला के साथ Peggy Whitson (Commander), Tibor Kapu (Hungary) और Slawosz Uznanski-Wisniewski (Poland) सवार थे। ISS से 14 जुलाई को 4:45 PM IST पर undock करने के बाद, स्पेसक्राफ्ट ने 22.5 घंटे में Earth पर लैंडिंग की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान -भारत की आकांक्षाओं को नई ऊंचाई दी

राजनाथ सिंह ने भी X पर लिखा: शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने न सिर्फ स्पेस को छुआ बल्कि भारत की अंतरिक्षीय आकांक्षाओं को नई ऊंचाई दी है।

MoS Jitendra Singh बोले - माइक्रोग्रैविटी में जीवनकारी प्रयोग किए

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने Axiom-4 मिशन के वैज्ञानिक पहलुओं को रेखांकित करते हुए लिखा: Microgravity में जीवन-प्रद प्रयोगों को अंजाम देकर शुभांशु शुक्ला ने विज्ञान के भविष्य के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया। यह भारत के लिए गौरव का पल है।

Gaganyaan Mission की दिशा में एक मजबूत कदम

शुभांशु शुक्ला की ये ऐतिहासिक यात्रा अब ISRO के मानव मिशन Gaganyaan को नई गति देगी। भारत के लिए यह अंतरिक्ष यात्रा केवल वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं बल्कि वैश्विक स्पेस लीडरशिप की दिशा में एक मजबूत संकेत है।