सार

मुडा घोटाले में अभियोजन की अनुमति देने वाले राज्यपाल के खिलाफ सीएम सिद्धारमैया ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास बताया है।

बेंगलुरु: अवैध रूप से मुडा से 14 साइट हासिल करने के आरोप में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की अनुमति राज्यपाल ने दे दी है। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि यह सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है। राज्यपाल ने गैरकानूनी आचरण किया है। उन्होंने कहा कि एचडी कुमारस्वामी, शशिकला जॉले के खिलाफ भी अभियोजन अनुरोध है। लेकिन, केवल मेरे मामले में ही उन्होंने अनुमति दी है।

भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ अभियोजन अनुरोध हैं। लेकिन, इन सभी को छोड़कर केवल मेरे खिलाफ ही अभियोजन की अनुमति देना क्या दर्शाता है? नवंबर महीने में खुद लोकायुक्त ने अभियोजन का अनुरोध किया था। लेकिन, उसे अब तक अनुमति नहीं मिली है। यह मेरी सरकार को गिराने की एक बड़ी साजिश है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए इस तरह के प्रयास किए गए हैं। यह कोई नई बात नहीं है। सरकार को बदनाम करने, अस्थिर करने के लिए एक साजिश रची गई है। 

भाजपा, जेडीएस और अन्य सभी इसमें शामिल होकर साजिश रच रहे हैं। राज्यपाल ने जिसके भी शिकायत पर यह फैसला लिया है, वह असंवैधानिक है। कानून के विरुद्ध है। हम इसे कोर्ट में चुनौती देंगे। कानूनी तरीके से आगे बढ़ेंगे। हाईकमान मेरे साथ है। पूरा मंत्रिमंडल भी मेरे साथ है। सरकार भी मेरे साथ है। सभी विधायक भी मेरे साथ हैं। सभी कांग्रेस विधायक, विधान परिषद सदस्य मेरे साथ हैं। लोकसभा और राज्यसभा सांसद मेरे साथ हैं। किसी भी सूरत में इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। असंवैधानिक आचरण तो वे कर रहे हैं।


राजभवन का इस्तेमाल वे राजनीतिक अड्डे की तरह कर रहे हैं। राज्यपाल केंद्र सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं।