सार

सिंगल यूज प्लास्टिक (Single use Plastic) से निकलने वाले जहरीले केमिकल खाने के रास्ते इंसानों और जानवरों के शरीर में पहुंच जाते हैं। इसके चलते कैंसर, बांझपन समेत कई तरह की गंभीर बीमारी हो रही है। 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए इस पर प्रतिबंध की लंबे समय से मांग हो रही थी। यह प्लास्टिक प्राकृतिक रूप से नष्ट नहीं होता। लंबे समय तक पानी या जमीन में पड़े रहने पर इसके छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं और जहरीले केमिकल निकलते हैं। खाने के साथ ये हमारे खून में पहुंच जाते हैं। 

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक?
सिंगल यूज प्लास्टिक वह प्लास्टिक है जिसका केवल एक बार यूज कर फेंक दिया जाता है। इसे रिसाइकल नहीं किया जाता। इनमें प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, सोडा और पानी की बोतलें और अधिकांश फूड पैकेजिंग जैसी चीजें शामिल हैं। दुनिया में हर साल लगभग 380 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें से आधा डिस्पोजेबल है।  दुनिया भर में केवल 10-13% प्लास्टिक के सामानों को रिसाइकल किया जाता है।

परेशानी पैदा कर रहा सिंगल यूज प्लास्टिक
रिसाइकल नहीं होने के चलते प्लास्टिक के सामान को फेंक दिया जाता है। परेशानी यहीं से शुरू होती है। पॉलिथीन बैग, बोतल, रैपर और प्लास्टिक के अन्य सामान खुले में फेंक दिया जाता है। यह पानी और जमीन दोनों को दूषित करता है। पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं है। पानी या जमीन में कई साल तक रहने के बाद प्लास्टिक के कण छोटे-छोटे टुकड़ो में टूट जाते हैं। टूटने की प्रक्रिया में जहरीले रसायन निकलते हैं। 

प्लास्टिक को आकार देने और सख्त करने में इस्तेमाल होने वाले रसायन भोजन और पानी के रास्ते इंसानों के शरीर में पहुंच जाते हैं। ये जहरीले रसायन इंसान के खून में पहुंच जाते हैं। कई रिसर्च में यह पता चला है कि प्लास्टिक से निकले जहरीले रसायन इंसानों में कैंसर, बांझपन, जन्मदोष और कई अन्य बीमारी पैदा करते हैं।

यह भी पढ़ें- अब से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन,आप भी अवेयर हों और इस्तेमाल न करें, ये हैं वो कुछ चीजें, जो अकसर आप यूज करते हैं

सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े कुछ फैक्ट्स

  • सालाना लगभग 380 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन किया जा रहा है। 1950 के दशक में प्लास्टिक की शुरुआत के बाद से 8.3 बिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन किया गया है। 
  • इंसान कुल मिलाकर प्रति मिनट लगभग 1.2 मिलियन प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करता है। लगभग 91% प्लास्टिक का रिसाइकिल नहीं होता है। 
  • प्लास्टिक सिर्फ जलाने से पूरी तरह खत्म होता है। प्लास्टिक का हर टुकड़ा जो कभी बनाया गया था। वह अभी भी किसी न किसी आकार या रूप में मौजूद है। 
  • अमेरिका के लोग प्रति वर्ष लगभग 50 बिलियन पानी की बोतलें खरीदते हैं। अमेरिका में हर व्यक्ति प्रति महीने औसतन 13 बोतलें इस्तेमाल करता है। 
  • दुनिया भर में सालाना पांच ट्रिलियन प्लास्टिक बैग का उत्पादन होता है। एक बैग को पूरी तरह से नष्ट होने में 1 हजार साल तक का समय लग सकता है। अमेरिका के लोग सालाना 100 बिलियन बैग फेंकते हैं। यह लगभग 12 मिलियन बैरल कच्चे तेल को डंप करने के बराबर है।
  • दुनिया के लोग हर साल 500 अरब प्लास्टिक कप का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही हर साल दुनियाभर में 29 मिलियन अमेरिकी टन से अधिक प्लास्टिक फोम का उत्पादन होता है।
  • महासागरों में हर साल कम से कम 14 मिलियन टन प्लास्टिक पहुंचता है। इसके चलते समुद्र में रहने वाले जीवों को खतरनाक नतीजे भुगतने पड़ रहे हैं।
  • जब तक प्लास्टिक जमीन में पड़ा रहता है वह नुकसान नहीं करता, लेकिन छोटे-छोटे जहरीले कणों में टूटने के बाद वह मिट्टी और 
  • पानी को दूषित कर देता है। जानवर गलती से उन्हें निगल लेते हैं तो ये खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर जाते हैं।

यह भी पढ़ें- नूपुर शर्मा को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कही ये 5 बड़ी बातें, TV पर पूरे देश से माफी मांगने को कहा