सार

देश में पिछले कुछ समय में हिंसा बढ़ी है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने महाराष्ट्र के अमरावती में एक कार्यक्रम के दौरान देश में बढ़ रही हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा है कि हिंसा पसंद करने वाला समाज आज अपने आखिरी दिन गिन रहा है।

अमरावती। दिल्ली हो या राजस्थान पिछले कुछ समय में देश में हिंसा बढ़ी है। रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने देश में बढ़ रही हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हिंसा पसंद करने वाला समाज आज अपने आखिरी दिन गिन रहा है। 

महाराष्ट्र के अमरावती में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा, "हम सत्य पर हैं। हम सद्भावना पर हैं। हम सबको अपना मानकर चलते हैं। हमारे पास सदा के लिए समय है। हमारी बातें गलत हैं, किसी दूसरे का विरोध करने वाली हैं, दुनिया में अशांति और हिंसा लाने वाली हैं तो हमारे लिए समय मर्यादित है। अब उसके दिन लद गए। हिंसा की आखिरी छटपटाहट चल रही है। सद्भावना पर जो चलते हैं, अहिंसा पर जो चलते हैं, सत्य और न्याय पर जो चलते हैं उनके लिए समय है। वे रहने वाले हैं। वे रहते हैं, इसलिए दुनिया रहती है। एक पैर पर क्यों न हो धर्म जीवित है। इसलिए दुनिया है। वो भी चला जाएगा तो प्रलय आ जाएगा।"   

मानवता की रक्षा के लिए शांतिप्रिय होना जरूरी
आरएसएस प्रमुख ने कहा, "सरकार सत्ता में रहने तक ही कुछ कर सकती है। समाज जब एकजुट होकर कुछ करने का संकल्प लेता है तो वह जो चाहे हासिल कर सकता है। सरकार को समर्थन देना चाहिए। जब बुरे विचारों को प्रोत्साहित किया जाता है (एक समाज में) तो हिंसा फैलती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हिंसा को प्रोत्साहित करने वाले समाज के लिए दिन गिने जाते हैं। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एक साथ लाना और मानवता की रक्षा करना जरूरी है।"

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संजय राउत ने किया बयान का स्वागत
बता दें कि मोहन भागवत की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों में हाल ही में सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं। एमपी-एमएलए दंपति नवनीत राणा और रवि राणा द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने की चेतावनी के बाद महाराष्ट्र एक विवाद की चपेट में है। मोहन भागवत के बयान का शिवसेना के नेता संजय राउत ने स्वागत करते हुए कहा है कि 71 वर्षीय नेता ने एक मुद्दा उठाया है। इसपर देश भर में बहस होनी चाहिए।

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