सार
जश्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आज से G20 की बैठक शुरू हो रही है। इसमें दुनिया भर से आए 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। चीन और तुर्की ने बैठक से दूरी बनाई है। श्रीनगर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में G20 की टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक शुरू हो गई है। 24 मई तक चलने वाली इस बैठक में दुनियाभर से 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों धरती का जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर में दुनियाभर से आए लोगों का मेला लगा हो। चीन ने कश्मीर को विवादित स्थान बताते हुए बैठक का विरोध किया है। वहीं, तुर्की और सऊदी अरब ने भी बैठक से दूरी बनाई है।
जी20 की बैठक कश्मीर में होने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। श्रीनगर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद यहां पहली बार अंतरराष्ट्रीय इवेंट का आयोजन किया जा रहा है। बैठक श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। बैठक में पर्यटन पर मंथन किया जा रहा है।
जी20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत अपनी जी20 अध्यक्षता के आधे रास्ते पर है। अब तक देश भर में 118 बैठकें हो चुकी हैं। पर्यटन पर पहले की दो बैठकों की तुलना में श्रीनगर बैठक में सबसे अधिक प्रतिभागी आए हैं। जी 20 के सदस्य देशों के करीब 60 प्रतिनिधि आए हैं। विशेष आमंत्रित अतिथि देशों के प्रतिनिधि भी बैठक में भाग ले रहे हैं।
सऊदी अरब नहीं हो रहा बैठक में शामिल
चीन ने कश्मीर में G20 बैठक आयोजित करने का विरोध किया है। सऊदी अरब ने बैठक के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। वहीं, तुर्की ने भी बैठक से दूर रहने का फैसला किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि चीन विवादित इलाके में जी20 की बैठक आयोजित करने का विरोध करता है। इस संबंध में भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। वह अपने देश में कहीं भी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्वतंत्र है।
जमीन, पानी और हवा हर जगह रखी जा रही नजर
जी 20 की बैठक को लेकर श्रीनगर में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जमीन, पानी और हवा, हर जगह नजर रखी जा रही है। डल लेक में मरीन कमांडो को तैनात किया गया है। NSG (National Security Guards) के कमांडो तैनात किए गए हैं। एंटी ड्रोन यूनिट्स को एक्टिवेट किया गया है। सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों जवानों को तैनात किया गया है।