सार
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व ज़मीन पर अधिकार को लेकर काफी भेदभाव वाले विचार थे।
Sunil Ambekar slams Digvijaya: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कांग्रेस के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस के गुरु गोलवलकर को लेकर की गई टिप्पणी पर जवाब दिया है। आंबेकर ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान को भ्रामक बताते हुए कहा कि उन्होंने संघ की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ऐसा किया है। झूठा फोटोशॉप्ड फोटो लगाकर लोगों में भ्रम फैला रहे हैं। गुरु गोलवलकर ने कभी भी भेदभाव वाली बातें नहीं की। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा।
दिग्विजय सिंह की ट्वीट पर भड़का आरएसएस
दरअसल, दिग्विजय सिंह के आरएसएस के गुरु सदाशिव राव गोलवलकर के कथित बयान को गलत तरीके से कोट किए जाने पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि आरएसएस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। गुरुजी की छवि को धूमिल किए जाने की साजिश रची जा रही है। दिग्विजय सिंह का गुरु गोलवलकर के बारे में किया गया ट्वीट पूरी तरह से तथ्यहीन और सामाजिक विद्वेष फैलाने वाला है। यह संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा photoshopped चित्र लगाया हैं। श्री गुरूजी ने कभी भी ऐसे नहीं कहा। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा।
आईए जानते हैं दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व ज़मीन पर अधिकार को लेकर काफी भेदभाव वाले विचार थे। दिग्विजय सिंह ने गुरु गोलवलकर की किसी किताब का संदर्भ लेते हुए एक फोटो साझा किया है। उस फोटो पर गुरु गोलवलकर की फोटो है। उस पर लिखा है कि सदाशिवराव गोलवलकर ने अपनी किताब वी एंड आवर नेशनहुड आइडेंटिफाइड में लिखा है कि जब भी सत्ता हाथ लगे, सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल को अपने दो तीन विश्वसनीय लोगों के हाथों में सौंप दें। 95 प्रतिशत जनता को भिखारी बना दें, उसके बाद सत्ता सात जन्मों तक हाथ से नहीं जाएगी। दिग्विजय सिंह ने गोलवलकर का एक कथित कोट भी साझा किया है। उस कोट के अनुसार, गुरु गोलवलकर ने कहा था कि मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं लेकिन जो दलितों पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।
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