सार
कोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि केरल में कराए गए मॉक पोल में बीजेपी को एक्स्ट्रा वोट मिले हैं।
SC on Mock Poll extra votes to BJP: केरल में पहले चरण के चुनाव के पहले मॉक पोल के दौरान भारतीय जनता पार्टी को एक्स्ट्रा वोट मिले हैं। मॉक पोल में एक्स्ट्रा वोट मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जानकारी मांगी है। कोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि केरल में कराए गए मॉक पोल में बीजेपी को एक्स्ट्रा वोट मिले हैं।
एडवोकेट प्रशांत भूषण ने ईवीएम-वीवीपीएटी पर्ची को लेकर सुनवाई के दौरान बताया कि केरल के कासरगोड लोकसभा क्षेत्र में मॉक पोल के दौरान बीजेपी को एक्स्ट्रा वोट मिले। जिला निर्वाचन ने सभी दलों के नेताओं की मौजूदगी में मॉक पोल कराया था। भूषण ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहां मॉक पोल की गिनती हुई तो बीजेपी को एक्स्ट्रा वोट मिले थे। यूडीएफ और एलडीएफ की ओर से जिला कलक्टर को इससे संबंधित शिकायत भी की गई है। बताया जा रहा है कि कम से कम चार वोट एक्स्ट्रा बीजेपी के फेवर में गलत तरीके से मिले।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा…
सुनवाई के दौरान इस मामले की जानकारी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा। बेंच ने इस दावे की सच्चाई जानने के लिए चुनाव आयोग को कहा। हालांकि, चुनाव आयोग ने दावे को फर्जी करार दिया। आयोग ने कहा कि यह फर्जी मामला है।
चुनाव आयोग ने वीवीपीएटी पर फैसला किया सुरक्षित
ईवीएम और वीवीपीएटी की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से यह पूछा कि अगर वोटर्स को वीवीपीएटी से निकली पर्ची दे दी जाए तो चुनाव आयोग ने कहा कि इससे वोटिंग की गोपनीयता प्रभावित होगी। कोर्ट ने आयोग से पूछा कि आप बताइए कि कैसे चुनाव की पवित्रता बरकरार रखने के साथ आम मतदाताओं का विश्वास भी कायम रखा जाए। इसके लिए चुनाव आयोग के पास क्या रणनीति है। बेंच ने पूछा कि आम आदमी के मन में वोटिंग के प्रति विश्वास के लिए क्या कदम उठाया जाए। हालांकि, चुनाव आयोग की दलीलों से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
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