Air India Crash Report: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पायलटों को दोषी ठहराए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने तक गोपनीयता बनाए रखी जाए।

Ahmedabad Air India Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया का एक विमान क्रैश हो गया था। इसके चलते 260 लोगों की मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में एयर इंडिया बोइंग ड्रीमलाइनर विमान हादसे की स्वतंत्र और कोर्ट की निगरानी में जल्द जांच की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पायलटों को दोषी ठहराना "गैरजिम्मेदाराना" है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हादसे के लिए पायलटों को जिम्मेदार बताना दुर्भाग्यपूर्ण

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन के सिंह की पीठ ने उन मीडिया रिपोर्टों को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया, जिनमें संकेत दिया गया था कि हादसे के लिए "पायलट की गलती" जिम्मेदार थी। इन रिपोर्ट में कथित तौर पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के कुछ प्रारंभिक निष्कर्षों का हवाला दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, "अगर कल कोई गैर-जिम्मेदाराना तरीके से कह दे कि पायलट ए या बी की गलती थी तो परिवार को नुकसान होगा। अगर बाद में अंतिम जांच रिपोर्ट में कोई गलती नहीं पाई गई, तो क्या होगा?" कोर्ट ने निर्देश दिया कि जांच पूरी होने तक गोपनीयता बनाए रखें।

पारदर्शी और जल्द जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

याचिका गैर सरकारी संगठन 'सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन' ने लगाई है। NGO की ओर से वकील प्रशांत भूषण पेश हुए। उन्होंने बताया कि अमेरिकी प्रकाशन द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने केंद्र को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही दुर्घटना जांच पर एक स्टोरी प्रकाशित कर दी थी। भूषण ने बेंच को बताया, "इसके बाद सरकार ने आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट जारी की और हर कोई यह कहने लगा कि यह पायलट की गलती थी। ये बहुत अनुभवी पायलट थे, फिर भी कहानी से पता चलता है कि पायलट आत्महत्या करने वाला था और उसने ईंधन स्विच बदल दिया था।"

इसपर जस्टिस कांत ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण था"। उन्होंने मीडिया रिपोर्टों को "बहुत गैरजिम्मेदाराना" रिपोर्टिंग बताया, जिसमें कहा गया था कि पायलटों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी। बेंच ने कहा, "दुर्भाग्यवश, कभी-कभी जब ऐसी त्रासदी होती है, तो इसका लाभ प्रतिद्वंद्वी विमान कंपनियां उठा लेती हैं।" कोर्ट ने पारदर्शी, निष्पक्ष और जल्द जांच के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को नोटिस जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "कोई भी एयरलाइन के कर्मचारियों को दोष देना शुरू कर सकता है। किसी को भी अफवाहें फैलाने या स्थिति को गलत तरीके से पेश करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।" पीठ ने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता की निष्पक्ष जांच की मांग उचित हो, लेकिन इस समय सभी नतीजों को सार्वजनिक करने से जांच में बाधा पैदा होगी।

विमान के फ्यूल किल स्विच को लेकर उठे थे सवाल

बता दें कि एयर इंडिया के फ्लाइट संख्या AI171 का संचालन करने वाला बोइंग 787-8 विमान हादसे का शिकार हुआ था। विमान ने यूके जाने के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के तुरंत बाद जमीन पर गिर गया। हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में विमान के फ्यूल किल स्विच को लेकर सवाल उठाए गए थे।

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कहा गया था कि टेकऑफ के वक्त विमान के दोनों फ्यूल स्विच रन से कटऑफ पर चले गए थे। इसके चलते उसके दोनों इंजनों को इंधन नहीं मिला। नतीजा इंजन बंद हो गए। अंतिम वक्त में पायलट ने फ्यूल स्विच को ऑफ से रन पर किया और इंजन स्टार्ट करने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो गई थी।

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