Supreme Court On Stray Dogs: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। तीन सदस्यीय पीठ ने पहले दिल्ली सरकार को 8 हफ्तों में सड़कों से आवारा कुत्ते हटाने का आदेश दिया था।

Supreme Court On Stray Dogs: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से जुड़े मामले की सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हो रही है। तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी है। इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि आठ हफ्तों के भीतर सड़कों से आवारा कुत्ते हटाए जाएं। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि हम इस मुद्दे का समाधान चाहते हैं, विवाद नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता और हम सभी मिलकर इसका उचित हल निकालना चाहते हैं।

“अंडे खाते हैं और फिर खुद को पशु प्रेमी बताते हैं”

सॉलिसिटर जनरल दुष्यंत दवे ने कहा कि कुछ लोग चिकन और अंडे खाते हैं और फिर खुद को पशु प्रेमी बताते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है और इसका हल होना चाहिए। बच्चों की जानें जा रही हैं। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार हर साल 305 लोग रेबीज से मरते हैं, जिनमें ज्यादातर 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता। सैकड़ों कुत्तों में केवल चार ही जहरीले होते हैं। इन्हें मारा नहीं जाएगा, सिर्फ अलग किया जाएगा।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आदेश का किया था विरोध

आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 11 अगस्त के उस आदेश का विरोध किया, जिसमें अधिकारियों को कुत्तों को आश्रय गृह में रखने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा कि कुत्तों के काटने की घटनाएं जरूर होती हैं, लेकिन इस साल दिल्ली में रेबीज से किसी की मौत नहीं हुई। कुत्तों का काटना बुरा है, लेकिन इस वजह से डर या भय का माहौल नहीं बनाया जा सकता।

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कपिल सिब्बल ने अस्थायी रोक लगाने की कही बात

आवारा कुत्तों के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पहली बार उन्होंने सुना कि एसजी कह रहे हैं “कानून है, लेकिन इसे पालन करने की जरूरत नहीं।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुत्तों का सही तरीके से पालन-पोषण हुआ है, पैसा दिया गया या कोई शेल्टर बनाया गया? आदेश बिना किसी नोटिस के लागू किया जा रहा है और कुत्तों को उठाया जा रहा है, लेकिन उन्हें कहां रखा जाएगा, इसका कोई प्रबंध नहीं है। कपिल सिब्बल ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और इस पर गहरी बहस होनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट से गुजारिश की कि इस पर स्टे लगा दिया जाए।