सार
मुफ्त की रेवड़ी की राजनीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार को नोटिस भेजा है। चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को मुफ्त की रेवड़ी की राजनीति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार और भारतीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। याचिका में मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा पर रोक लगाने की मांग की गई है।
मध्य नवंबर से दिसंबर के पहले सप्ताह में पांच राज्यों में हो सकते हैं चुनाव
इस बीच सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी सामने आई है कि पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम) में मध्य नवंबर से लेकर दिसंबर के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। चुनाव के तारीखों का ऐलान 8-10 अक्टूबर को चुनाव आयोग द्वारा किया जा सकता है।
चार राज्यों में एक चरण में हो सकते हैं चुनाव
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं। 2018 में भी इन राज्यों में एक चरण में चुनाव हुए थे। छत्तीसगढ़ में दो चरण में चुनाव हो सकते हैं। 2018 में भी यहां दो चरण में चुनाव हुए थे। नक्सल प्रभावित राज्य होने के चलते यहां सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम करने होते हैं। पांचों राज्यों के मतदान दिवस अलग-अलग हो सकते हैं।
17 दिसंबर को पूरा हो रहा है मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल
मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को पूरा हो रहा है। यहां MNF (Mizo National Front) और BJP के गठबंधन की सरकार है। तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा होने वाला है। तेलंगाना में BRS (Bharat Rashtra Samithi) की सरकार है। मध्य प्रदेश में बीजेपी और राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने राजस्थान, मिजोरम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव तैयारियों का जायजा लिया है। चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए शुक्रवार को अपने पर्यवेक्षकों की बैठक बुलाई है।