सार
पैनल ने यह भी कहा कि ग्रुप द्वारा उठाए गए कदम से इन्वेस्टर्स में विश्वास बढ़ाए जाने में मदद मिली और स्टॉक अब स्थिर है।
Adani hindenburg Supreme Court panel report: अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने अपनी फाइंडिंग्स सब्मिट कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है। रिपोर्ट में पैनल ने कहा कि जांच में ऐसा लग रहा है कि मार्केट रेगुलेटर SEBI की कोई रेगुलेटरी फेल्योर नहीं है। कोर्ट के डोमेन एक्सपर्ट्स ने कहा कि अडानी समूह की ओर से कीमतों में कोई हेरफेर नहीं किया गया था। ग्रुप ने रिटेल इन्वेस्टर्स को आराम देने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे। पैनल ने यह भी कहा कि ग्रुप द्वारा उठाए गए कदम से इन्वेस्टर्स में विश्वास बढ़ाए जाने में मदद मिली और स्टॉक अब स्थिर है।
6 मई को सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट पैनल ने छह मई को अपनी रिपोर्ट सब्मिट कर दी थी। शुक्रवार को उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कमेटी बनाने का यह आदेश 2 मार्च को दिया था। पैनल का हेड रिटायर्ड जज एएम सप्रे को बनाया गया था। पैनल में जस्टिस जेपी देवधर, ओपी भट, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन को शामिल किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने यह बात भी कही...
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें कहा गया है कि सेबी को संदेह है कि 13 विदेशी फंडों के अडानी ग्रुप के साथ संबंध हो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में किसी प्रकार की आर्टिफिशियल ट्रेडिंग का कोई पैटर्न नहीं मिला है। रिपोर्ट के अनुसार हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के पहले ही कुछ संस्थाओं ने शार्ट पोजिशन ली थी। सेबी ने पाया था कि कुछ संस्थाओं ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले एक छोटी स्थिति ली थी और रिपोर्ट के बाद कीमत गिरने के बाद मुनाफा कमाया था।
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