सार

पतंजलि भ्रामक प्रचार मामले में सुप्रीम कोर्ट का रवैया सख्त हो गया है। कोर्ट ने बाबा रामदेव से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि तीन बार कोर्ट की अवमानना मजाक नहीं है। अंजाम तो भुगतना पड़ेगा। 

नई दिल्ली। अब बाबा रामदेव मुश्किल में आ गए हैं। पतंजलि भ्रामक प्रचार मामले में सुप्रीम कोर्ट का रवैया सख्त हो गया है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि तीन बार आदेशों की अनदेखी की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना मजाक नहीं है। अंजाम तो भुगतना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की ओर से दिए गए बिना शर्त माफीनामे को भी अस्वीकार कर दिया। 

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई
पतंजलि भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए थे। केस की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने की। इस दौरा न्यायाधीशों का रवैया बाबा रामदेव के लिए काफी सख्त रहा।

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बिना शर्त माफी का हलफनामा किया अस्वीकार
सुप्रीम कोर्ट की जजों की पीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट के आदेशों की तीन बार अवमानना की है आप लोगों ने। कोर्ट का आदेश मजाक नहीं है। उन्होंने बाबा रामदेव की बिना शर्त माफी का हलफनामा भी अस्वीकार कर दिया। यह भी कहा कि इस बार कोई माफी नहीं मिलेगी। अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहिए।

हलफनामें धोखाधड़ी का आरोप
सुप्रीम कोर्ट के जजों की पीठ ने कहा कि यह हलफनामे में भी धोखाधड़ी कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार का हलफनामा नहीं देना चाहिए था। इस पर रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कि हमसे गलती हो गई सर। इसपर कोर्ट ने कहा गलती की है तो झेलिए। ये हलफनामा हम स्वीकार नहीं करेंगे। इस हलफनामे को भी कोर्ट की अवमानना के तौर पर मान रहे हैं।