सार
तेलंगाना विधानसभा चुनाव बस कुछ ही महीने दूर है। कर्नाटक में जीत से उत्साहित कांग्रेस रणनीतिक रूप से तेलंगाना राज्य में अपना खेल खेल रही है। गांधी परिवार के दोनों नेता राहुल गांधी और प्रियंका व्यक्तिगत रूप से चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।
Telangana Assembly Election. कर्नाटक की जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी अब तेलंगाना में जीत की तैयारियां कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा न सिर्फ राज्य का दौरा कर रहे हैं बल्कि स्थानीय नेताओं से बातचीत भी कर रहे हैं। वे आगामी चुनावों में केसीआर को हराने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। राज्य में विभिन्न दलों की ओर से भी दल बदल को बढ़ावा देकर, नेताओं को अपने पाले में खींचने की कोशिशें की जा रही हैं।
तेलंगाना में नेताओं का दलबदल जारी
जानकारी के अनुसार पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और जुपल्ली कृष्णा राव के साथ बीआरएस के 35 अन्य नेता कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं। वे इस संबंध में दिल्ली में राहुल गांधी, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर चुके हैं। पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी 2 जुलाई को खम्मम में राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल होंगे। इस बीच, जुपल्ली कृष्णा राव 14 या 16 जुलाई को प्रियंका गांधी की मौजूदगी में महबूबनगर की मीटिंग में कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। अन्य दलों के कई और नेताओं द्वारा भी ऐसा करने की संभावना है।
बीजेपी के नेता भी कांग्रेस में होंगे शामिल
ऐसी भी अफवाहें हैं कि बीजेपी नेता कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी और इटेला राजेंदर भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वे कुछ दिन पहले हैदराबाद में जेपी नड्डा की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी ने विधायक पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिससे उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने भाजपा के टिकट पर मुनुगोडे उपचुनाव लड़ा और उपचुनाव हार गए। दूसरी ओर बीआरएस से निकाले गए इटेला राजेंदर ने बीजेपी के टिकट पर हुजूराबाद का उपचुनाव लड़ा और प्रचंड जीत हासिल की। इटेला की जीत के बाद भाजपा ने जीएचएमसी चुनावों में भी शानदार प्रदर्शन दर्ज किया। इससे पार्टी को प्रोत्साहन मिला और परिदृश्य भी बदल गया क्योंकि कांग्रेस कहीं भी मजबूत लड़ाई देने के करीब नहीं है। लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत के बाद तेलंगाना में हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं।
कर्नाटक की जीत से बढ़ा कांग्रेस का मनोबल
कर्नाटक की जीत से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। ऐसा लगता है जैसे वे पुनर्जीवित हो गए हैं। पार्टी के शीर्ष नेता कैडर के जोश और केसीआर सरकार की सत्ता विरोधी लहर दोनों पर सवार होने को तैयार हैं। भूमि अधिग्रहण में बिचौलियों को दूर करने के लिए केसी राव की सरकार द्वारा शुरू किए गए धरणी पोर्टल को लेकर लोगों में नाराजगी दिख रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि यह कई लोगों को रास नहीं आया है और विभिन्न वर्गों द्वारा इस संबंध में कई शिकायतें भी की गई हैं। स्थिति का फायदा उठाते हुए विपक्ष के नेता खुलेआम पोर्टल की आलोचना कर रहे हैं। धरणी भले हिट नहीं रही लेकिन दूसरी योजनाएं जैसे रायथु बंधु, दलित बंधु, कल्याण लक्ष्मी, शादी मुबारक आदि कल्याणकारी योजनाएं सीएम केसीआर के लिए बड़ा प्लस हैं। इन स्थितियों का बारीकी से विश्लेषण करते हुए कांग्रेस अब रणनीतिक तौर पर चुनाव जीतने की योजना बना रही है।
केसीआर की बेटी पर शराब घोटाले का आरोप
इसके अलावा तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी और एमएलसी कविता पर दिल्ली शराब घोटाले में आरोप लगाया गया है। इस संबंध में उनसे पूछताछ भी की गई है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर व्यापक अटकलें थीं और भाजपा नेताओं ने भी भविष्यवाणी की थी कि उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब कांग्रेस इसका लाभ उठाने के लिए काम कर रही है। दावा किया जा रहा है कि केसीआर और भाजपा के बीच गुप्त सौदा हुआ है। यह राज्य के भाजपा नेताओं के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है क्योंकि उनसे इस संबंध में बार-बार सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व सांसद और भाजपा में नए शामिल हुए कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने खुले तौर पर कहा है कि कविता को गिरफ्तार नहीं करने से उन्हें नुकसान हो सकता है क्योंकि इससे अटकलों का पिटारा खुल जाएगा। ऐसा होने से राष्ट्रीय स्तर पर केसीआर के गैर बीजेपी, गैर कांग्रेसी मोर्चे की भी हवा निकल गई है।
कांग्रेस में नया जोश भरने की कवायद जारी
अंदरूनी कलह के लिए मशहूर कांग्रेस नेता अब अपने मतभेदों को भुलाकर इस मौके का फायदा उठाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं। टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी ने कहा है कि यदि जो नेता उनके साथ सहज नहीं हैं तो वे आलाकमान से बात करने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे कांग्रेस में स्थिति काफी हद तक आसान हो गई है। तेलंगाना सीएलपी नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क 100 दिन पूरे करने पर राज्य भर में पदयात्रा पर हैं। उनका यह दौरा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने में भी मदद कर रहा है। संक्षेप में कहें तो केसीआर को हराने का अदम्य सपना और सत्ता की कभी न बुझने वाली प्यास ही वो ईंधन हैं जो कांग्रेस को चला रही है।
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