सार
विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने की प्लानिंग बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही कर ली थी। अमित शाह ने विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाए जाने का पूरा स्क्रिप्ट लिखा था।
Chhattisgarh new CM Vishnu Deo Sai: बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में कई दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर अपने नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया। आदिवासी चेहरा विष्णुदेव साय को राज्य सरकार की कमान सौंपी गई है। विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने की प्लानिंग बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही कर ली थी। अमित शाह ने विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाए जाने का पूरा स्क्रिप्ट लिखा था। राज्य में चुनाव अभियान के दौरान भी उन्होंने भरी जनसभा में यह संकेत दे दिया था।
शाह ने कुनकुरी में ही दिया था संकेत
छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद सौंपे जाने की स्क्रिप्ट लिखनी शुरू कर दी थी। उनके क्षेत्र कुनकुरी में चुनावी रैली में शाह ने संकेत भी दिया था। रैली में शाह ने कहा था: आप इनको (विष्णु देव साईं) विधायक बनाओ, उनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।
25 हजार से अधिक वोटों से जीते साय
बीजेपी नेता विष्णुदेव साय, कांग्रेस के निवर्तमान विधायक यूडी मिंज को 25,541 वोटों से हराकर जीत हासिल की है। कुनकुरी सीट, छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में हैं। यहां 14 सीटें हैं। सभी सीटें बीजेपी के खाते में गई है।
आदिवासी चेहरा पर दांव
विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ बीजेपी के कद्दावर आदिवासी चेहरा हैं। वह राज्य भाजपा के तीन बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। विष्णुदेव साय की राजनैतिक यात्रा सरपंच से शुरू होकर मुख्यमंत्री तक पहुंची। वह मध्य प्रदेश में 1990 से 1998 तक एमएलसी रहे हैं। विष्णुदेव साय पहली बार 1999 में राजगढ़ से सांसद चुने गए। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में भी चुने गए। 2014 में चौथी बार सांसद बनने के बाद उनको मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। वह कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से दो बार से विधायक हैं।
आदिवासी समाज को साधने की कोशिश
विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद देकर बीजेपी ने मिशन 2024 के लिए बड़ा दांव चला है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी आबादी के बाद सबसे अधिक आदिवासियों की संख्या है। राज्य में आदिवासी समुदाय करीब 32 प्रतिशत है। सरगुजा और बस्तर क्षेत्र की 26 सीटों पर आदिवासी वोटर्स का प्रभाव है। सरगुजा में 14 तो बस्तर की 12 सीटों पर आदिवासी वोटर्स जीत-हार तय करते हैं।
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