सार
भारत-यूएई सीईपीए वार्ता(India-UAE CEPA Dialogue) के तीसरे दौर का सोमवार से यानी 6 दिसंबर से दिल्ली में शुभारंभ होगा। इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Commerce & Industry Piyush Goyal) ने इससे जुड़े प्रतिनिधियों से चर्चा की।
नई दिल्ली. भारत-यूएई सीईपीए वार्ता (India-UAE CEPA Dialogue) का तीसरा दौर 6-10 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इसमें दोनों पक्षों का लक्ष्य वार्ता के उचित निष्कर्ष पर पहुंचना होगा। इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Commerce & Industry Piyush Goyal) ने इससे जुड़े प्रतिनिधियों से चर्चा की। गोयल ने यहां एल्यूमीनियम, तांबा,रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग के प्रतिनिधियों से भेंट की।
गोयल ने बताया CEPA का महत्व
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को यूएई के साथ समग्र आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने में सीईपीए के महत्व से अवगत कराया, जिससे न केवल द्विपक्षीय व्यापार को लाभ होगा बल्कि नए रोजगारों का भी सृजन होगा एवं व्यापक सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान होंगे।
वार्ताओं को आगे बढ़ाते हुए गोयल ने उद्योग की उदार भावना की सराहना की और उद्योग के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह देश में मूल्य श्रृंखला के बहु-क्षेत्रीय आर्थिक समग्र विकास में योगदान देते हुए राष्ट्र के व्यापक हितों में उसी भावना से सीईपीए वार्ता का समर्थन करना जारी रखें।
रोजगार और निवेश पर बल
मंत्री ने वार्ता के दौरान उद्योगों के लिए परिकल्पित सीईपीए समझौते से संभावित श्रम प्रधान लाभों पर भी बल दिया और साथ ही बढ़े हुए निवेश, रोजगार सृजन और रोजगार के अवसरों सहित कई पूरक आर्थिक लाभों पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उद्योग प्रतिनिधियों को समझौते के रणनीतिक महत्व से भी अवगत कराया गया जिसमें गहन द्विपक्षीय आर्थिक अनुबंधन और व्यापक बाजार पहुंच भी शामिल है। हितधारकों ने भारतीय उद्योग की चिंताओं को ध्यान में रखने के लिए मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और बाजार पहुंच एवं घरेलू संवेदनशीलता के मध्य समग्र संतुलन सुनिश्चित करने के लिए इस मामले पर रचनात्मक जानकारी भी प्रदान की।
यह भी पढ़ें-अगले वित्त वर्ष तक उत्पादन 120 मिलियन टन तक पहु्ंच जाने की उम्मीद
कोयला उत्पादन में और अधिक वृद्धि करने के लिए कोयला मंत्रालय में सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन ने घरेलू कोयला की उच्च मांग को देखते हुए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नए कोयला ब्लॉकों के विकास को प्रभावित करने वाली पर्यावरण तथा वन मंजूरियों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की। अगले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कैप्टिव खदानों से कोयला उत्पादन के 120 मिलियन टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है। यह उपलब्धि घरेलू कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने में और अधिक सहायक होगी।
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