सार

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बेंगलुरू दौरे को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने रविवार को ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक, सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बेंगलुरू की कई सड़कों पर यातायात प्रतिबंधित रहेगा। 

German Chancellor olaf Scholz Visit: जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बेंगलुरू दौरे को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने रविवार के ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक, सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक जिन सड़कों पर वाहनों की पार्किंग प्रतिबंधित रहेगी, उनके नाम इस प्रकार हैं। बेंगलुरू के बल्लारी रोड, मेहकरी सर्कल, कावेरी थिएटर जंक्शन, रमना महर्षि रोड, इन्फैंट्री रोड, कबन रोड, एचएएल ओल्ड एयरपोर्ट रोड, व्हाइटफील्ड मेन रोड, एचएएल से केआर पुरम तक रिंग रोड, डोड्डानेकुंडी रोड, ग्रेफाइट इंडिया रोड, क्वींस रोड, राजभवन रोड, एमजी रोड, इंदिरानगर 100 फीट रोड और ओल्ड मद्रास रोड के दोनों तरफ सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी।

पीएम मोदी से आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर हुई बात : 
बता दें कि जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 25 फरवरी को दो दिवसीय दौर पर भारत पहुंचे हैं। शनिवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर शोल्ज के बीच आतंकवाद, द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई थी। आतंकवाद पर बातचीत करते हुए PM मोदी ने कहा था- आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी हुई बात :

25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्द्ध की शुरुआत से ही हम शांति की अपील कर रहे हैं। हम कह चुके हैं कि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में सहयोग के लिए तैयार है। वहीं, जर्मन चांसलर शोल्ज ने कहा- पूरी दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध का खामियाजा भुगत रही है। ये एक बड़ी त्रासदी है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि युद्ध उन सभी आर्थिक मूल्यों का का उल्लंघन कर रहा है, जिन पर हम सभी राजी थे।

शोल्ज बोले- भारत में 1800 जर्मन कंपनियां काम कर रहीं : 

जर्मन चांसलर शोल्ज ने कहा- वर्तमान में करीब 1,800 जर्मन कंपनियां भारत में एक्टिव हैं। इनमें हजारों भारतीय नौकरी कर रहे हैं। हमें टैलेंट और स्किल्ड लोगों की जरूरत है। भारत में तेजी से आईटी और सॉफ्टवेयर का विकास हो रहा है। भारतीय लोगों में टैलेंट कूट-कूटकर भरा हुआ है और हम दोनों देशों के बेहतर संबंधों का लाभ उठाना चाहते हैं। साथ ही हमारी कोशिश ये भी है कि जर्मनी में भी भारतीयों को नौकरियां मिले। भारत और जर्मनी के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

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