सार

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का दस सदस्यीय प्रतनिधिमंडल चुनाव आयोग के मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहा था।

TMC MPs on dharna: चुनाव आयोग के हेडक्वार्टर के सामने धरना दे रहे टीएमसी सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में धरनास्थल से सांसदों को खींचते-घसीटते हुए बस में ले जाकर पुलिसवालों ने बिठाया। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का दस सदस्यीय प्रतनिधिमंडल चुनाव आयोग के मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहा था। धरना दे रहे सांसदों का आरोप था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और चुनाव आयोग चुप है। सांसदों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की शिकायत करते हुए मांग की है कि चार केंद्रीय जांच एजेंसियों - प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, आयकर विभाग और राष्ट्रीय जांच एजेंसी - के प्रमुखों को तुरंत बदला जाए।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सांसद डेरेक ओ ब्रायन कर रहे थे। विरोध करने वाले सांसदों में डोला सेन, सागरिका घोष, साकेत गोखले और शांतनु सेन शामिल थे। सांसदों ने आयोग के कार्यालय के बाहर 24 घंटे धरना देने का ऐलान किया था। पुलिस कार्रवाई धरने के एक घंटे बाद शुरू हुई, जब नेताओं ने चुनाव आयुक्तों से मिलने के बाद छोड़ने के बार-बार अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।

सांसदों ने लगाया केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ बीजेपी के साठगांठ का आरोप

नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय एजेंसियां आम चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और एजेंसियों द्वारा की गई गिरफ्तारियों का मकसद पूरी तरह से राजनीतिक है। तृणमूल सांसद डोला सेन ने कहा कि 2022 में दर्ज मामले में एनआईए द्वारा 2024 में गिरफ्तारी की जाती है। कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाना चाहिए। सख्ती से चार केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को बदला जाना चाहिए।

सागरिका घोष ने कहा कि सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर अधिकारी जिस तरह से कार्य कर रहे हैं, वे भाजपा की शाखा के सदस्य प्रतीत होते हैं। इससे विपक्ष का जीना मुश्किल हो गया है। भाजपा के एक सदस्य ने एनआईए अधिकारी के आवास पर उनके साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा कि 5 और 6 अप्रैल की दरमियानी रात को स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना छापेमारी की गई। 3 बजे महिलाओं के घरों पर छापेमारी की गई। अधिकारी सुबह 3 बजे घरों में घुस गए जहां उन्होंने महिलाओं को परेशान किया और उनके साथ छेड़छाड़ की।

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