सार

विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत की पहली यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का मौका प्रदान करेगी। मंत्रालय के इस बयान से कुछ घंटों पहले ही व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प 24 और 25 फरवरी को भारत आएंगे।

नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत की पहली यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का मौका प्रदान करेगी। मंत्रालय के इस बयान से कुछ घंटों पहले ही व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प 24 और 25 फरवरी को भारत आएंगे।

पिछले साल गणतंत्र दिवस पर नहीं आ पाए थे

भारत ने पिछले साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए ट्रम्प को आमंत्रित किया था लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति व्यस्त होने के कारण समारोह में नहीं आ पाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान भी ट्रम्प को परिवार समेत भारत आने का निमंत्रण दिए जाने के बारे में याद दिलाया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह यात्रा दोनों नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने और हमारी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर देगी।’’

भारत आने के बाद यहां जाएंगे ट्रंप

उसने बताया कि ट्रम्प और प्रथम महिला राष्ट्रीय राजधानी एवं अहमदाबाद में आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे और भारतीय समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह से बातचीत करेंगे। ट्रम्प की इस यात्रा में एक व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।

मंत्रालय ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी ‘‘विश्वास, साझा मूल्यों, आपसी सम्मान एवं समझ’’ पर आधारित है और यह दोनों देशों के लोगों के बीच मित्रता से रेखांकित होती है।

विदेश मंत्रालय ने कहा मोदी और ट्रंप के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में ये संबंध और मजबूत हुए हैं। उनके नेतृत्व में व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, क्षेत्रीय एवं वैश्विक और आतंकवाद रोधी मामलों पर समन्वय बढ़ा है और लोगों के बीच आपसी संबंध मजबूत हुए हैं।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)