सार

यूनेस्को ने यह घोषणा वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की 44वीं मीटिंग के बाद की है। धौलावीरा को यह दर्जा देने के दो दिन पहले रविवार को तेलंगाना के रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर का दर्जा मिला था। अब भारत में कुल 40 विश्व धरोहर यूनेस्को से दर्जा प्राप्त हो चुके हैं। 

नई दिल्ली। यूनेस्को (UNESCO) ने हिंदुस्तान की एक और ऐतिहासिक धरोहर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट (World Heritage Site) का दर्जा दे दिया है। मंगलवार को यूनेस्को ने गुजरात (Gujrat) के धौलावीरा (Dholavira) को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया। यहां हड़प्पा सभ्यता (Harappa Civilization) के अवशेष मिले थे। दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में एक हड़प्पा सभ्यता को माना गया है। 
यूनेस्को ने यह घोषणा वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की 44वीं मीटिंग के बाद की है। 

भारत में 40 विश्व धरोहर

धौलावीरा को यह दर्जा देने के दो दिन पहले रविवार को तेलंगाना के रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर का दर्जा मिला था। रामप्पा मंदिर को काकात्य वंश के राजाओं ने बनवाया था। अब भारत में कुल 40 विश्व धरोहर यूनेस्को से दर्जा प्राप्त हो चुके हैं। 

कहां है धौलावीरा?

धौलावीरा गुजरात में कच्छ क्षेत्र में है। इतिहासकारों व पुरातत्वविद्ों के अनुसार यह कच्छ के खडीर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है, जो लगभग पांच हजार साल पहले विश्व का प्राचीन महानगर था। हड़प्पा सभ्यता से जुड़ा धौलावीरा ‘कच्छ के रण‘ के मध्य स्थित द्वीप ‘खडीर‘ में स्थित है। धौलावीरा गांव ‘खडीर द्वीप‘ की उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर बसा है। धौलावीरा पुरास्थल की खुदाई में मिले अवशेषों का प्रसार ‘मनहर‘ एवं ‘मानसर‘ नामक नालों के बीच में हुआ था। इस नगर की लम्बाई पूरब से पश्चिम की ओर है। नगर के चारों तरफ एक मजबूत दीवार के निर्माण के साक्ष्य मिले हैं। 

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