सार

दिल्ली में पूर्वोत्तर की शिल्प और कला के अद्भुत सेंटर मेघालयन एजस्टोर (Meghalayan Ege Store)' का शुभारंभ हुआ। इसका उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal) ने किया। इसे CDS बिपिन रावत को समर्पित किया गया है।

नई दिल्ली.दुनिया ने अभी पूर्वोत्तर की अपार क्षमता देखी नहीं है। पूर्वोत्तर के बांस, हस्तशिल्प और विभिन्न अनोखे उत्पादों का केवल भारत के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिये बड़ा बाजार है। पूर्वोत्तर के लोगों के विकास और उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रधानमंत्री की गहरी अभिलाषा के मद्देनजर सभी केंद्रीय मंत्रियों का यह कर्तव्य है कि वे देखें कि पूर्वोत्तर के लिए और क्या-कुछ किया जा सकता है। यह बात केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में ‘मेघालयन एज’ स्टोर का शुभारंभ करते हुए कही। 9 दिसंबर की शाम को हुए मेघालयन एज स्टोर को CDS जनरल बिपिन रावत की स्मृति को समर्पित करते हुये गोयल ने कहा कि जनरल रावत एक सच्चे कर्मयोगी थे और भारत को महान बनाने की भावना से ओतप्रोत थे।

दुनिया आपका मंच है
गोयल ने कहा कि मेघालय के शहतूत पर पाले जाने वाले कीड़ों से बने रेशम (मलबेरी सिल्क) के अलावा पूर्वोत्तर के शॉल, बांस, हस्तशिल्प और विभिन्न अनोखे उत्पादों का विशाल बाजार बन सकता है, जो न सिर्फ भारतीयों के लिये, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए आकर्षण होगा। उन्होंने कहाः “दुनिया आपका मंच है।”

गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का उदाहरण दिया “जब तक कि भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी भाग पश्चिमी और दक्षिणी भारत के समकक्ष नहीं आ जाएंगे, देश विकास नहीं कर सकता,” और कहा, “उनके हृदय में पूर्वोत्तर के विकास की यह प्रतिबद्धता है, ऐसी गहरी अभिलाषा और पूर्वोत्तर के लोगों के बेहतर जीवन की उत्कंठा(इच्छा) है कि हम सभी मंत्रियों का यह कर्तव्य हो गया है कि हम पूर्वोत्तर पर पूरा ध्यान दें और यह देखें कि वहां और क्या-कुछ किया जा सकता है।”

एक अद्भुत सेंटर 
राष्ट्रीय राजधानी की हृदयस्थली में राज्य के विशिष्ट और उत्कृष्ट स्टोर की “सहज शैली” की प्रशंसा करते हुए पीयूष गोयल ने एक ऐसे स्टोर की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को बधाई दी, जहां राज्य के 43 हजार से अधिक बुनकरों और स्थानीय शिल्पकारों को एक ही छत के नीचे मेघालय की समृद्ध संस्कृति, विरासत, कला और राज्य के विशिष्ट उत्पादों को पेश करने का मौका मिलेगा। यह स्टोर राज्य के कुटीर उद्योग को भी समर्थन देगा।

गोयल ने कहा, “मेघालय के हमारे शिल्पकारों, बुनकरों और दस्तकारों की शानदार कृतियों को देखने के बाद, मैं बस यही कह सकता हूं कि हम जो देख रहे हैं, वह सूरज की एक किरण मात्र है। जो दिख रहा है, उसकी तुलना में आपकी क्षमता अपार है।''

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