सार

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बड़ा खवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा, तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं दिखते हैं। जो भी किसानों के हित में है, वह उनके लिए किया गया है। वे किसान नहीं हैं, जिन्हें कृषि कानूनों से समस्या है। वे अन्य लोग हैं। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है, जिन्हें कमीशन मिलता है।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बड़ा खवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा, तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं दिखते हैं। जो भी किसानों के हित में है, वह उनके लिए किया गया है। वे किसान नहीं हैं, जिन्हें कृषि कानूनों से समस्या है। वे अन्य लोग हैं। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है, जिन्हें कमीशन मिलता है।

वीके सिंह के बयान पर आम आदमी पार्टी ने निशाना साधा। आप ने ट्वीट कर कहा, क्या उन्हें किसानों की तरह दिखने के लिए हल और बैलों के साथ आना चाहिए?

किसान आंदोलन में लगे थे खालिस्तान के नारे
किसान आंदोलन की कुछ तस्वीरें ऐसी भी आई हैं जो सवाल खड़े करती हैं। तस्वीर बरनाला रेलवे स्टेशन की है। यहां उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब अकाली दल के कुछ नेता शहर में मार्च निकालने के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।

किसान आंदोलन के दौरान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक व्यक्ति कह रहा है, अगर उस मीटिंग में कुछ हल नहीं निकला तो बैरिकेड तो क्या हम तो इनको (शासन प्रशासन) ऐसे ही मिटा देंगे। हमारे शहीद उधम सिंह कनाडा की धरती पर जाकर उन्हें (अंग्रेजो को) ठोक सकते हैं तो दिल्ली कुछ भी नहीं है हमारे लिए। जब इंदिरा ठोक दी तो मोदी को..

हाथों में जनरैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर थी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके हाथों में जनरैल सिंह भिंडरांवाला की तस्वीर थी। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और रेलवे ट्रैक को खाली करवाया।