क्या एक जर्मन यात्री ने वंदे भारत में ऐसा क्या देखा जो जापान की बुलेट ट्रेन में भी नहीं मिला? घूमने वाली सीटें, लग्ज़री इंटीरियर और अविश्वसनीय ₹2100 में मिलने वाला खाना देखकर वह चौंक गया। क्या भारतीय रेलवे अब दुनिया को टक्कर देने लगी है? 

नई दिल्ली। भारत की वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है एक जर्मन यात्री का वायरल इंस्टाग्राम वीडियो। एलेक्ज़ेंडर वेल्डर नाम के इस विदेशी यात्री ने दावा किया कि वंदे भारत का इंटीरियर, सीटें और सुविधाएं उसे जापान और चीन की हाई-स्पीड बुलेट ट्रेनों जैसी लगीं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से फैल गया, और भारत की रेलवे प्रगति पर नई बहस छेड़ दी। कई यूज़र हैरान हैं कि एक विदेशी को वंदे भारत में ऐसा क्या मिला जिसने उसे बोलने पर मजबूर कर दिया-“यह कितना अजीब है?” इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए इस वीडियो को लाखों व्यूज़ मिल चुके हैं। वीडियो में दिखाया गया हर सीन भारत की रेलवे प्रगति की एक नई तस्वीर बनाता है।

क्या वंदे भारत सच में बुलेट ट्रेन जैसी महसूस होती है?

एलेक्ज़ेंडर ने जैसे ही ट्रेन में कदम रखा, उनका पहला रिएक्शन था कि “यह तो बिल्कुल जापानी या चीनी हाई-स्पीड ट्रेन जैसा है!” उन्होंने बताया कि ट्रेन का डिज़ाइन, लाइटिंग और सीटें इतनी आधुनिक हैं कि यह यूरोप की कई ट्रेनों से कहीं बेहतर लगती है। सबसे चौकाने वाली बात-घूमने वाली सीटें, जो बुलेट ट्रेन जैसी लगती हैं।

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घूमने वाली सीटों और बड़े ओवरहेड स्टोरेज में क्या खास था?

जर्मन यात्री ने दिखाया कि उसके बड़े आकार के सूटकेस भी आसानी से ओवरहेड कंपार्टमेंट में फिट हो गए। सीटें घूमने पर उसने कहा कि “यह कितना मज़ेदार है? समझ नहीं आता ये लॉक कैसे हो रही हैं!” यह फीचर यूरोपीय ट्रेनों में बेहद कम मिलता है।

भारत की “सबसे आधुनिक ट्रेन”? जर्मन यात्री क्यों हुआ हैरान

जर्मनी से आया पर्यटक एलेक्ज़ेंडर वेल्डर वंदे भारत एक्सप्रेस के एक्ज़ीक्यूटिव क्लास में यात्रा कर रहा था। ट्रेन में चढ़ते ही उसने जो अनुभव किया, वह खुद उसके लिए भी अप्रत्याशित था। उसने कहा कि “ऐसा लग रहा है जैसे मैं जापान या चीन की हाई-स्पीड ट्रेन में हूँ.”

क्यों? इसके पीछे 4 कारण हैं...

  1. अत्य modern इंटीरियर: कोच का डिज़ाइन देखकर वह दंग रह गया।
  2. विशाल ओवरहेड स्टोरेज: उसने कहा कि उसका बड़ा सूटकेस भी आराम से फिट हो गया।
  3. 90° घूमने वाली सीटें: यह फीचर उसे यूरोप की ट्रेनों में भी कम देखने मिला था।
  4. ₹2100 में मिल रहा शानदार खाना: जो उसे “अजीब तरह से शानदार” लगा।

मात्र ₹2100 में ऐसा खाना-क्या विदेश में मिल पाता है?

5.5 घंटे के सफर में विदेशी को मिला:

  • चपाती
  • चावल
  • दो तरह की करी
  • सब्ज़ी
  • सूप
  • आइसक्रीम
  • स्नैक्स

उसने कहा कि “यह तो यूरोप की तुलना में बहुत सस्ता है!” अतिथि देवो भवः-दुनिया हमारे ट्रेनों का आनंद ले रही है! “जर्मनी में तो बिना रिज़र्वेशन बैठने भी नहीं मिलता।” “अब एक अमीर विदेशी भी वंदे भारत का खर्च उठा सकता है!” (मजाक)। “अगर लग्ज़री चाहिए तो Maharaja Express, Palace on Wheels भी ट्राई करो।” एक कमेंट ने दिल जीत लिया-“भारत का रेलवे नेटवर्क अब दुनिया का सबसे बड़ा विद्युतीकृत नेटवर्क है-हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं।”

क्या भारत की रेलवे अब वैश्विक स्तर पर नई पहचान बना रही है?

कई यूज़र्स ने कमेंट में दावा किया कि भारत की रेलवे अब दुनिया को टक्कर दे रही है। किसी ने लिखा कि “हमने बहुत लंबा सफर तय किया है।” तो किसी ने लिखा कि “पुरानी ट्रेनें हटेंगी, वंदे भारत जनता के लिए चलेगी, बुलेट ट्रेन एलिट के लिए।”