सार

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने 'सब्जी काटने वाले चाकू' का उदाहरण देते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा।

VP Jagdeep Dhankhar on opposition: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी दलों द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद हमला बोला है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि बाईपास सर्जरी के लिए कभी भी सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल न करें। दरअसल, कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों के 70 से अधिक सांसदों ने राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। हालांकि, 14 दिन पहले नोटिस देने की समयसीमा का पालन नहीं किए जाने पर अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को रद्द कर दिया गया था। विपक्ष ने शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी।

विपक्ष का चाकू तो सब्जी काटने वाला भी नहीं, जंग लगा था…

राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को विपक्ष द्वारा उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पहली बार प्रतिक्रिया दी। धनखड़ ने कहा: उस नोटिस को देखिए जो उपराष्ट्रपति (राज्यसभा के सभापति) के खिलाफ दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी ने एक बार कहा था कि 'बायपास सर्जरी के लिए सब्जी काटने वाला चाकू इस्तेमाल न करें।' लेकिन यह नोटिस तो सब्जी काटने का चाकू भी नहीं था, वह जंग लगा हुआ था। इसे इतनी जल्दबाजी में तैयार किया गया था कि पढ़ते ही मैं चौंक गया। मुझे यह और अधिक आश्चर्य हुआ कि आप में से किसी ने इसे पढ़ा नहीं। अगर पढ़ा होता तो कई दिन सो नहीं पाते। धनखड़ ने कहा कि वह इस प्रस्ताव से व्यक्तिगत रूप से आहत हैं और इसे अभियान करार दिया।

अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने से लोकतांत्रिक मूल्यों का होता क्षरण

वीमेन जर्नलिस्ट्स के एक प्रोग्राम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में भी बातचीत की। कहा कि अगर अभिव्यक्ति बाधित, सशर्त या दबावपूर्ण हो तो लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण होता है। यह लोकतांत्रिक विकास के खिलाफ है। आप अपनी बात कहने से पहले दूसरों का दृष्टिकोण सुनें। इन दोनों तत्वों के बिना लोकतंत्र पनप नहीं सकता।

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